Finland hit by cyberattack, Russia aircraft breaches airspace as Zelenskyy addresses parliament | NATO में शामिल होने की ख्वाहिश रखने वाले फिनलैंड पर साइबर अटैक, जेलेंस्की कर रहे थे संसद को संबोधित
Highlights
- यह घटना फिनलैंड के सांसदों द्वारा देश के NATO में शामिल होने के लिए जोरशोर से काम करने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद हुई।
- साइबर अटैक की वजह से आम यूजर सरकार की मुख्य वेबसाइट और कुछ अन्य मंत्रालयों की वेबसाइट्स को ऐक्सेस नहीं कर पा रहे थे।
- फिनलैंड के रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि रूस के एक विमान ने 3 मिनट के लिए देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था।
हेलसिंकी: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की जब फिनलैंड की संसद में भाषण दे रहे थे, ठीक उसी समय देश की सरकारी वेबसाइटों को हैक कर लिया गया। बता दें कि यह घटना फिनलैंड के सांसदों द्वारा देश के NATO में शामिल होने के लिए जोरशोर से काम करने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद हुई। इस साइबर अटैक की वजह से आम यूजर सरकार की मुख्य वेबसाइट और रक्षा एवं विदेशी मामलों के मंत्रालयों की वेबसाइट्स को ऐक्सेस नहीं कर पा रहे थे।
रूस के जहाज ने किया था हवाई क्षेत्र का उल्लंघन
इससे पहले, फिनलैंड के रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि रूस के एक विमान (IL-96-300) ने देश के दक्षिणी तट पर 3 मिनट के लिए देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। सीमावर्ती देशों के बीच बढ़ते तनाव में और इजाफा करते हुए फिनलैंड ने 2 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। साथ ही उसने यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में एक तिहाई राजनयिकों के वीजा की अवधि खत्म कर दी। फिनलैंड के सांसदों को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने उनसे रूस पर ‘Molotov cocktail’ प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
रूस की चेतावनी को फिनलैंड ने किया था दरकिनार
बता दें कि फिनलैंड ने फरवरी में पड़ोसी रूस की उस चेतावनी को दरकिनार कर दिया था जिसमें NATO में उसके संभावित तौर पर शामिल होने की स्थिति में ‘गंभीर सैन्य और राजनीतिक नतीजे भुगतने’ की बात कही गई थी। रूस के विदेश मंत्रालय ने तब अमेरिका और उसके साझेदार फिनलैंड को नाटो में कथित तौर पर ‘खींचने’ की कोशिश को लेकर चिंता जताई थी और चेतावनी दी थी कि अगर दोनों देश गठबंधन में शामिल होंगे तो मॉस्को जवाबी कदम उठाने को मजबूर होगा।
फिनलैंड की 1,340 किलोमीटर सीमा रूस से लगती है
फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो ने तब कहा था, ‘हम पहले ही भी यह सुन चुके हैं। हम नहीं मानते हैं कि यह सैन्य कार्रवाई की चेतावनी है।’ फिनलैंड की करीब 1,340 किलोमीटर सीमा रूस से लगती है और यूरोपीय संघ की किसी भी देश की रूस से लगती सबसे लंबी सीमा है। हाल ही में किए गए एक सर्वे में पता चला था कि फिनलैंड के 50 फीसदी से ज्यादा लोग चाहते हैं कि उनका देश NATO में शामिल हो जाए।