DMK सांसद आर एस भारती को सुप्रीम कोर्ट से राहत, एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामला रद्द

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने द्रमुक के राज्यसभा सांसद आर एस भारती के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को सोमवार को रद्द कर दिया. उनके द्वारा 2020 में दिए गए एक भाषण को लेकर यह मामला दर्ज किया गया था.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सांसद के खिलाफ आपराधिक मामले को यह कहते हुए बंद कर दिया कि उनके भाषण में उन अपराधों की ओर संकेत करने वाली कोई बात नहीं है जिनके लिए उन पर आरोप लगाया गया है. शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी की दलीलों को स्वीकार किया कि सांसद के खिलाफ इस कठोर कानून के तहत अपराध का कोई ममाला नहीं बनता है.
पीठ ने द्रमुक नेता की अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि भाषण को पूरा पढ़ने से पता चलता है कि यह दिवंगत न्यायमूर्ति वरदराजन (मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश) के लिए अपमानजनक नहीं था या उनका अनुसूचित जातियों के सदस्यों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने का कोई इरादा नहीं था. सांसद के खिलाफ इस अधिनियम की धारा 3 (1) (यू) और (वी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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