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उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा वेरिएंट का मामला, जानें इसके बारे में सबकुछ

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के कप्पा वेरिएंट (Coronavirus Kappa Variant) के दो नए मामले सामने आए हैं. इसकी पुष्टि लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज ने की है जहां पर 109 सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई. इन 109 सैंपल्स में से 107 कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Coronavirus Delta Variant) के पाए गए. कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश में वायरस के कप्पा वेरिएंट के केस सामने आए हैं. इसमें पहला मामला संत कबीर नगर में सामने आया जहां 66 वर्षीय मरीज की मौत हो गई.
[ans]यह कोई नया वेरिएंट नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर SARS-Cov-2 की ट्रैकिंग के मुताबिक, कप्पा वेरिएंट सबसे पहले अक्टूबर 2020 में पाया गया था. यह वेरिएंट B.1.617.1 के तौर पर पहचाना गया जबकि डेल्टा वेरिएंट B.1.617.2 के तौर पर दर्ज किया गया.[/ans] [q]क्या ये वेरिएंट ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ बन सकता है?[/q]
[ans]WHO ने इस वेरिएंट को अब तक इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ करार नहीं दिया है. दुनिया के 30 देशों में फैल चुके लैंब्डा वेरिएंट की तरह कप्पा भी वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में है.[/ans] [q]क्या यह डबल म्यूटेंट है?[/q]
[ans]हां, डेल्टा की तरह कप्पा भी अपने दो म्यूटेशंस EE484Q और L452R के चलते डबल म्यूटेंट है.[/ans] [q]क्या यह वैरिएंट इम्यून एस्केप है?[/q]
[ans]ऐसा माना जाता है कि L452R म्यूटेशन शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने के लिए प्रकार की मदद कर सकता है.[/ans] [q]क्या ये कप्पा वेरिएंट के नए मामले हैं?[/q]
[ans]नहीं, जैसे कि कप्पा वेरिएंट के मामले अक्टूबर 2020 में पाए गए थे. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि ये वायरस का कोई नया प्रकार नहीं है. ये वेरिएंट कई मामलों में पहले भी पाया जा चुका है.[/ans] [q]दोनों प्रकार किस तरह से अलग हैं?[/q]
[ans]B.1.617 के एक ही वंश से संबंधित दोनों प्रकार, भारत में पहली बार अक्टूबर 2020 में पाए गए हैं. डेल्टा, जो अप्रैल 2021 में वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट था, मई 2021 में वह वेरिएंट ऑफ कंसर्न बन गया. दूसरी ओर कप्पा वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट बना रहा, जैसा कि 4 अप्रैल को अंतिम रूप से निर्दिष्ट किया गया था. डेल्टा दुनिया भर में एक खतरे के रूप में उभरा है क्योंकि दुनिया में वर्तमान में अधिकांश कोविड -19 मामले डेल्टा संस्करण के हैं. भारत में महामारी की दूसरी लहर भी डेल्टा संस्करण के चलते आई थी. डेल्टा प्लस नामक डेल्टा का एक और म्यूटेशन अब भारत सहित कई देशों में उभरकर सामने आया है.[/ans]
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जून के आंकड़ों के मुताबिक भारत में अल्फा वेरिएंट के 3,969, बीटा के 149, गामा के 1 और डेल्टा और वेरिएंट के 16,238 के मामले सामने आए थे. बी.1.617 संस्करण के मामले पहली बार महाराष्ट्र में दर्ज किए गए थे और इसे “राज्य के कई जिलों में मामलों में देखी गई असामान्य वृद्धि से जोड़ा गया था.” नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कप्पा संस्करण डेल्टा द्वारा भारी पड़ गया है.
[q]क्या है कप्पा? क्या ये नया वेरिएंट है?[/q][ans]यह कोई नया वेरिएंट नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर SARS-Cov-2 की ट्रैकिंग के मुताबिक, कप्पा वेरिएंट सबसे पहले अक्टूबर 2020 में पाया गया था. यह वेरिएंट B.1.617.1 के तौर पर पहचाना गया जबकि डेल्टा वेरिएंट B.1.617.2 के तौर पर दर्ज किया गया.[/ans] [q]क्या ये वेरिएंट ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ बन सकता है?[/q]
[ans]WHO ने इस वेरिएंट को अब तक इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ करार नहीं दिया है. दुनिया के 30 देशों में फैल चुके लैंब्डा वेरिएंट की तरह कप्पा भी वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में है.[/ans] [q]क्या यह डबल म्यूटेंट है?[/q]
[ans]हां, डेल्टा की तरह कप्पा भी अपने दो म्यूटेशंस EE484Q और L452R के चलते डबल म्यूटेंट है.[/ans] [q]क्या यह वैरिएंट इम्यून एस्केप है?[/q]
[ans]ऐसा माना जाता है कि L452R म्यूटेशन शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने के लिए प्रकार की मदद कर सकता है.[/ans] [q]क्या ये कप्पा वेरिएंट के नए मामले हैं?[/q]
[ans]नहीं, जैसे कि कप्पा वेरिएंट के मामले अक्टूबर 2020 में पाए गए थे. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि ये वायरस का कोई नया प्रकार नहीं है. ये वेरिएंट कई मामलों में पहले भी पाया जा चुका है.[/ans] [q]दोनों प्रकार किस तरह से अलग हैं?[/q]
[ans]B.1.617 के एक ही वंश से संबंधित दोनों प्रकार, भारत में पहली बार अक्टूबर 2020 में पाए गए हैं. डेल्टा, जो अप्रैल 2021 में वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट था, मई 2021 में वह वेरिएंट ऑफ कंसर्न बन गया. दूसरी ओर कप्पा वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट बना रहा, जैसा कि 4 अप्रैल को अंतिम रूप से निर्दिष्ट किया गया था. डेल्टा दुनिया भर में एक खतरे के रूप में उभरा है क्योंकि दुनिया में वर्तमान में अधिकांश कोविड -19 मामले डेल्टा संस्करण के हैं. भारत में महामारी की दूसरी लहर भी डेल्टा संस्करण के चलते आई थी. डेल्टा प्लस नामक डेल्टा का एक और म्यूटेशन अब भारत सहित कई देशों में उभरकर सामने आया है.[/ans]