आध्यात्मिक गुरु ने मांगी थी शिष्या की कस्टडी, सुप्रीम कोर्ट में दिया ब्रिटनी स्पीयर्स के केस का हवाला

केरल के एक आध्यात्मिक गुरु की शिष्या की कस्टडी को लेकर दर्ज कराई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा है कि वह इस मामले की जांच कराएं और उसके परिजनों से बात करें. दरअसल 42 वर्ष के पुरुष ने याचिका में खुद को आध्यात्मिक गुरु बताया है और उनका कहना है कि 21 साल की लड़की उनकी शिष्या है.
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सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में उन्होंने कहा है कि उनकी शिष्या आध्यात्मिक जीवन के लिए उनके साथ रहना चाहती है. मगर उसके माता-पिता अपनी बेटी की इच्छा का विरोध कर रहे हैं. केरल हाई कोर्ट ने महिला की फैसला लेने की क्षमता पर संदेह करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
पॉप स्टार ब्रिटनी स्पीयर्स के केस का दिया हवाला
इस केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे क्योंकि लड़की की मानसिक स्थिति नाजुक है. वह अभी 21 साल की है. जब लड़की की स्वतंत्रता को लेकर वकील ने बात रखी तो सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटनी के केस का हवाला दिया है. कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते पहले ही अमेरिका से एक ऐसा ही केस सामने आया है. साल 2008 में ब्रिटनी के पिता को उनकी कंजरवेटरशिप दी थी.
कोर्ट ने ब्रिटनी की प्रोफेशनल, पर्सनल लाइफ और संपत्ति से जुड़े फैसले लेने का आदेश दिया था. मगर पिता से परेशान होकर अब ब्रिटनी ने उनके संरक्षण से आजादी की मांग की है. इस केस के दौरान ब्रिटनी ने अपना बयान दर्ज कराया था जिसमें उन्होंने कई बड़े खुलासे किए थे लेकिन फिर भी वह ये केस हार गई हैं.