Delimitation Jammu and Kashmir Seats to be Completed by March 5 Deadline claims parisiman aayog top sources– News18 Hindi

श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) का परिसीमन (Delimitation of Jammu & Kashmir) अगले साल 5 मार्च तक पूरा हो जाएगा. उच्च पदस्थ सूत्रों ने News18 से दावा किया है कि इस बार आयोग अपने डेडलाइन से नहीं चूकेगा. ऐसे में यह आसार जताए जा रहे हैं कि इस बार आयोग की डेडलाइन नहीं बढ़ेगी. उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि परिसीमन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चार बुनियादी सिद्धांत होंगे जिसमें भौतिक स्थिति, प्रशासनिक इकाइयों की मौजूदा सीमाएं, कम्यूनिकेशन और सार्वजनिक सुविधा शामिल है. जम्मू-कश्मीर दौरे में परिसीमन आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, जन प्रतिनिधियों और केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों के अधिकारियों से मुलाकात करेगा. आयोग पहले श्रीनगर और फिर जम्मू का दौरा करेगा.
जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना प्रकाश देसाई और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा के नेतृत्व में आयोग नागरिक समाज समूहों और इस तरह के अन्य संगठनों के साथ अलग-अलग बैठकें भी कर सकता है. हालांकि, इन समूहों और संगठनों को अपने-अपने उपायुक्तों (डीसी) के माध्यम से इसके लिए पूर्व अनुमति और समय लेना होगा.
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जम्मू-कश्मीर में होंगी 114 विधानसभा सीट
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 हो जाएंगी. हालांकि, व्यावहारिक रूप से यूटी में 90 सीटें होंगी क्योंकि 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं. राज्य में साल 2011 में हुई जनगणना परिसीमन का आधार होगी.
आयोग में पांच सहयोगी सदस्य हैं जो संसद के सदस्य हैं. हालांकि, नेशनल कांफ्रेंस के तीन सदस्यों ने आयोग का बहिष्कार किया और इस साल की शुरुआत में हुई सहयोगी सदस्यों के साथ आयोग की पहली बैठक में भाजपा के दो सदस्यों ने हिस्सा लिया था.
कल से शुरू होगा दौरा
परिसीमन आयोग छह से नौ जुलाई तक जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा करेगा और वहां नये विधानसभा क्षेत्र सृजित करने की कवायद के तहत प्रत्यक्ष रूप से जानकारी जुटाने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं तथा अधिकारियों से बातचीत करेगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं के साथ 24 जून की बैठक के दौरान कहा था कि परिसीमन कार्य को शीघ्रता से करना होगा ताकि एक निर्वाचित सरकार गठित करने के लिए चुनाव हो सके. ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि चुनाव अगले छह से नौ महीनों में हो सकते है. (भाषा इनपुट के साथ)