जीएसटी ई-वे बिल बनने में जून के आखिरी हफ्ते में तेजी– News18 Hindi
एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के आईटी आधार जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के आंकड़ों के मुताबिक उसके पोर्टल पर 27 जून तक 4.74 करोड़ ई-वे बिल बने हैं। इसका मतलब है कि रोजाना 17.5 लाख ई-वे बिल बने, जबकि 20 जून को समाप्त सप्ताह में रोजाना औसतन 16.4 लाख और उससे पिछले सप्ताह में 16.1 लाख बिल बने थे।
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27 जून को खत्म हफ्ते में 1.46 करोड़ ई-वे बिल बने, जो उससे पिछले सप्ताह में बने 1.19 करोड़ बिल से 22.6 फीसदी अधिक थे। मई में 3.95 करोड़ ई-वे बिल बने, जो एक साल का सबसे कम आंकड़ा था। इसका मतलब है कि मई में रोजाना औसतन 12 लाख बिल बने। इसका आंशिक असर जीएसटी संग्रह पर भी दिखा, जो घटकर आठ महीनों के निचले स्तर 1.02 लाख करोड़ रुपये पर रहा। मई के जीएसटी संग्रह के आकड़े मुख्य रूप से अप्रैल में हुए लेनदेन या आपूर्ति पर आधारित हैं। मार्च में रोजाना औसतन 22.9 लाख ई-वे बिल बने थे।
50,000 रुपये से अधिक के माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल बनाना आवश्यक है, इसलिए यह अर्थव्यवस्था में मांग और आपूर्ति के रुझान का शुरुआती संकेत है। अर्थव्यवस्था कुछ देरी से वृहद आर्थिक संकेतक प्र्रदर्शित करती है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देशव्यापी लॉकडाउन का असर खत्म होने के बाद सितंबर से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखने लगे थे।
पिछले अक्टूबर से ही जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से ऊपर बना हुआ है। देश में बिजली की खपत जून के पहले पखवाड़े में 9.3 फीसदी बढ़कर 55.86 अरब यूनिट रही। यह वाणिज्यिक और औद्योगिक विद्युत मांग में कुछ सुधार का संकेत है।
इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘शुरुआती उच्च बारंबारता संकेतक जून में पिछले महीने के मुकाबले सुधार की पुष्टि करते हैं। लेकिन जून, 2020 के मुकाबले रुझान मिलाजुला रहा है।’ उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि दैनिक औसत जीएसटी ई-वे बिल बनने में सुधार आया है।
इस साल 28 जून तक बिजली उत्पादन में सालाना वृद्धि मामूली बढ़त के साथ 7.7 फीसदी रही है, जो मई, 2021 में 7.3 फीसदी थी। नायर ने कहा, ‘इसके अलावा जून, 2021 में वाहन पंजीकरण जून 2020 के स्तर से 7.2 फीसदी अधिक रहे। हालांकि जून, 2021 के पहले पखवाड़े में पिछले साल की इसी अवधि के पेट्रोल की बिक्री 3.5 फीसदी और डीजल की 7.5 फीसदी घटी है।’