तरुण तेजपाल को रेप केस में मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, गोवा सरकार ने दाखिल की थी याचिका

नई दिल्ली. गोवा की एक निचली अदालत ने 21 मई को पत्रकार तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के मामले में बरी कर दिया था, जिसे गोवा सरकार ने चुनौती दी थी. गोवा सरकार ने पहले मुकदमे की समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया और केस को बंद कर अपना फैसला सुना दिया. जस्टिस अशोक भूषण, विनीत सरन और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने मामले को बंद करते हुए कहा, ‘मुकदमा समाप्त हो गया है, अब इसे और आगे बढ़ाने के किसी आदेश की जरूरत नहीं है.’
इससे पहले भी, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में निचली अदालत के जज के अनुरोध पर इस मामले में सुनवाई पूरी करने की समयसीमा 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी थी. वहीं गोवा सरकार ने पहले भी मुकदमे को पूरा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक तेजपाल पर एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में अपनी तत्कालीन महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था.
क्या है तरुण तेजपाल का पूरा मामला
तेजपाल के खिलाफ यह मामला 2013 का है जब गोवा में थिंक फेस्ट के दौरान एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने तत्कालीन महिला सहयोगी का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद महिला कर्मचारी ने अपने सीनियर्स से इस घटना का जिक्र किया था और मीडिया में पीड़िता, तेजपाल और तहलका की तत्कालीन मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी के बीच बातचीत की ईमेल भी पब्लिश हुई थी.
गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ FIR दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. वह मई 2014 से जमानत पर रिहा हैं. गोवा की क्राइम ब्रांच ने तेजपाल के खिलाफ एक चार्जशीट दाखिल की थी. तेजपाल ने अपने खिलाफ आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने के लिए बंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.