नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के सहयोग से प्रयागराज में 50 बच्चे रेस्क्यू- Human Trafficking 50 children rescued at Prayagraj Junction in collaboration with Nobel laureate Kailash Satyarthi upas– News18 Hindi

इस मामले में कैलाश सत्यार्थी ने भी ट्वीट किया था, जिसके बाद दोपहर 12 बजकर 26 मिनट पर प्रयागराज जंक्शन स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 02549 के पहुंचने पर जनरल कोच से 50 बच्चे उतारे गए हैं. इसमें कुछ बच्चे पश्चिम बंगाल और कुछ बच्चे बिहार के रहने वाले हैं. रेस्क्यू किए गये 50 बच्चों में 33 नाबालिग और 17 बालिग हैं.
बच्चों को 11 टीमों में अलग-अलग बांटकर ले जाया जा रहा था
कुछ बच्चों को कानपुर और आनंद विहार ले जाया जा रहा था, जबकि कुछ बच्चों को पंजाब के लुधियाना में सिलाई और मोमोज के काम के लिए ले जाया जा रहा था. इन बच्चों को 11 टीमों में अलग-अलग बांटकर ले जाया जा रहा था. हर टीम के साथ एक व्यक्ति उनको लीड कर रहा था. पकड़े जाने के बाद टीम लीडर्स ने इन बच्चों को मदरसे में पढ़ाने की बात कही है. हालांकि कोविड के चलते मदरसे बंद होने को लेकर सवाल किए जाने पर पकड़े गए टीम लीडर्स ने कहा है कि वह बच्चों को घरों में ट्यूशन देने के लिए ले जा रहे थे.
सभी की कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है
वहीं सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट मोहम्मद हसन जैदी ने बच्चों और टीम लीडर्स का बयान दर्ज किया है. उन्होंने पकड़े गए सभी बच्चों और टीम लीडर्स का एंटीजेन रैपिड टेस्ट भी कराया गया है. हालांकि राहत की बात ये रही कि सभी की कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है. रेस्क्यू किए गए बच्चों के साथ उनके परिजन मौजूद नहीं थे. इसलिये बच्चों से परिजनों का फोन नंबर लेकर उनसे भी संपर्क किया जा रहा है. सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने बच्चों को फिलहाल चाइल्ड वेलफेयर होम में भेजने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि परिजनों के आने पर बच्चों की सुपुर्दगी दी जाएगी. वहीं जिन बालिग बच्चों को काम कर करने के लिए आनंद विहार और लुधियाना ले जाया जा रहा था, उनके मामले में पुलिस को किशोर न्याय देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं.