अगले साल नौसेना में शामिल होगी भारत में बनी पहली एयरक्राफ्ट कैरियर- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने बयान में कहा, ‘प्रोजेक्ट को मूल रूप से NDA सरकार ने मंजूरी दी थी और कोरोना के बावजूद इसके काम में काफी प्रगति हुई है. आईएसी को अगले साल बेड़े में शामिल करना, भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर एक बड़ा तोहफा होगा. इसकी लड़ाकू क्षमताएं, पहुंच और अन्य खूबियां देश के रक्षा तंत्र को और मजबूती प्रदान करेंगी साथ ही समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों को सुरक्षित करने में मदद करेंगी.’
नौसेना को होगा फायदा
उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत के अभी तक के निर्माण कार्य की खुद आकर समीक्षा करना खुशी का पल है. सिंह ने कारवार में ‘प्रोजेक्ट सीबर्ड’ की समीक्षा की, जो कि भविष्य में भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा होगा और हिंद महासागर क्षेत्र और उसके बाहर नौसेना के संचालन में सहयोग देने के लिए सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा.
Addressing the courageous Indian Navy officers & sailors at Naval Base, Kochi. Watch https://t.co/nwYM7k7W6M
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 25, 2021
सबकुछ स्वदेशी
सिंह ने कहा कि सरकार नौसेना को मजबूत करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ये दो परियोजनाएं इसका बड़ा उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि आईएसी के डिजाइन से लेकर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील, प्रमुख हथियार और सेंसर तक, इसमें इस्तेमाल की गई लगभग 75 प्रतिशत चीज़े स्वदेशी है. मंत्री ने कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने हाल ही में रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत प्रोजेक्ट 75(I) के आरएफपी को मंजूरी दी है, जो विशिष्ट विनिर्माण प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को और बढ़ावा देगा.
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चीन को चेतानवी
उन्होंने कहा, ‘ ये कदम भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की परिचालन पहुंच और कौशल को बढ़ाने में मदद करेंगे.’ सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘गलवान गतिरोध के दौरान नौसेना की सक्रिय अग्रिम तैनाती ने हमारे इरादे का संकेत दिया कि हम शांति चाहते हैं लेकिन साथ ही किसी भी घटना से निपटने लिए तैयार हैं.’ (एजेंसी इऩपुट के साथ)