Central Government allocated Rs. to promote Tribal Economy


ट्राइबल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए 3000 करोड़ रुपए आवंटित
जनजातीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs) ने जनजातीय लोगों को इंटरप्रेन्योर बनाने के लिए ‘संकल्प से सिद्धि मिशन वन धन’ योजना लांच की है, इसकी मदद से जनजातीय लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
नई दिल्ली. जनजातीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs) ने जनजातीय (Tribal) लोगों को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को ‘संकल्प से सिद्धि मिशन वन धन’ योजना लांच की है. इससे माध्यम से जनजातीय लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर मिलेंगे और वे स्वयं ही इंटरप्रेन्योर (entrepreneurs) बन सकेंगे. अब जनजातीय कार्य मंत्रालय की सभी योजनाएं एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगी. . इस अवसर पर ट्राईफेड मुख्यालय के नए परिसर सहित कई अन्य कार्यक्रमों का उद्घाटन जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा किया गया.
सरकार ने ट्राइबल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए 3000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. वन धन जनजातीय स्टार्ट-अप है. जिससे जनजातीय लोग भी इंटरप्रेन्योर बन सकते हैं. इसमें सरकार मदद करेगी. सभी योजनाएं एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगी. ट्राईफेड द्वारा दो वर्ष से भी कम समय में 37,362 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) स्वीकृत किए गए हैं, जिन्हें 300 वनवासी सदस्यों वाले 2,240 वन धन विकास केंद्र क्लस्टर्स (वीडीवीकेसी) को शामिल किया गया है. इनमें से 1,200 वन धन विकास केंद्र क्लस्टर (वीडीवीकेसी) में कार्य शुरू हो चुका है. फुटकर बिक्री के लिए अब तक कुल 134 ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्र खोले जा चुके हैं, जिनमें कुल मिलाकर 53.66 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है.
इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि ‘संकल्प से सिद्धि मिशन वन धन योजना से देश में जनजातीय लोगों के जीवन में बदलावा लाएगा और रोजगार के नए-नए अवसर मिलेंगे. जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि आज जो पहल शुरू की जा रही है, उनमें जनजातीय सशक्तिकरण के सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है. संकल्प से सिद्धि मिशन वन धन के तहत विभिन्न जनजातीय विकास कार्यक्रमों को मिशन मोड में लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है. इस मौके पर प्रधानमंत्री के सलाहकार भास्कर खुल्बे, ट्राईफेड के अध्यक्ष रमेश चंद मीणा और ट्राईफेड के एमडी प्रवीर कृष्ण मौजूद रहे.