कोरोनाः हर्ड इम्युनिटी से कितनी दूर? जानें ICMR के चौथे सीरो सर्वे से क्या-क्या पता चलेगा
सीरो सर्वे में खून के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है. इस सर्वे से यह भी पता चलता है कि संक्रमण किस स्तर पर फैला है. फाइल फोटो
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक, 21 राज्यों के 70 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा और इसमें छह साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा.
नयी दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने के लिए आईसीएमआर चौथे चरण का राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण करेगा लेकिन सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि सभी भौगौलिक क्षेत्रों से सूचना एकत्र की जा सके. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि आईसीएमआर इस महीने से अगले चरण का सीरो सर्वेक्षण करेगा, जिससे कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने में मदद मिलेगी. लेकिन हम अपने भौगोलिक क्षेत्रों को बचाना चाहते हैं तो हमें अकेले एक राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भी अपने स्तर पर सीरो सर्वेक्षण करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.’’
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, 21 राज्यों के 70 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा और इसमें छह साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा. सीरो सर्वे के जरिए मानव शरीर में कोरोना वायरस एंटी बॉडी का पता लगाया जाएगा. शरीर में एंटी बॉडी का मौजूद होना ये साबित करता है कि व्यक्ति वायरस की चपेट में आ चुका है. सीरो सर्वे में खून के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है. इस सर्वे से यह भी पता चलता है कि संक्रमण किस स्तर पर फैला है.
आईसीएमआर ने तीसरा सीरो सर्वे 17 दिसंबर 2020 से 8 जनवरी 2021 के बीच किया था. पॉल ने कहा कि राज्यवार सर्वे किया जाना चाहिए ताकि महामारी के खतरे को टाला जा सके. उन्होंने सलाह दी कि जिला और राज्य के स्तर पर सीरो सर्वे को उन इलाकों में अंजाम दिया जाना चाहिए, जो कोविड हॉटस्पॉट बने हुए थे. चौथा सीरो सर्वे उस समय किया जाएगा, जब आम पब्लिक के लिए टीकाकरण कार्यक्रम को खोल दिया गया है.
सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मोलिक्युलर बॉयोलॉजी के सलाहकार डॉक्टर राकेश मिश्रा ने शनिवार को एएनआई से कहा, “इससे हमें संक्रमण दर और लोगों में एंटी बॉडी की मौजूदगी का पता चलेगा, कि हम हर्ड इम्युनिटी पाने से कितनी दूर हैं. इससे हमें यह भी पता चलेगा कि देश के किस हिस्से में पॉजिटिविटी रेट सबसे कम है.”उन्होंने कहा, “सीरो सर्वे से टीका लगवा चुके व्यक्तियों में एंटी बॉडी की मौजूदगी का पता लगेगा. देश में बड़े पैमाने पर सीरो सर्वे से हमें बहुत मदद मिलेगी.” डॉक्टर राकेश मिश्रा ने कहा, “ऐसा लगता है कि ज्यादातर देशों में 80 से 90 प्रतिशत मामले डेल्टा वैरिएंट के चलते हैं. लेकिन नए वैरिएंट आने की स्थिति में दो महीने में हालात बदल सकते हैं. ब्रिटेन में सामने आई कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट ताकतवर हो रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ये ज्यादा खतरनाक हो जाएगा.”
सीरो सर्वे से अब तक क्या पता चला?
8 जनवरी तक के सीरो सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक देश में 18 वर्ष के ऊपर के हर पांच एक भारतीय कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हुआ है. महिलाओं (22.7 फीसद) में पुरुषों (20.3) के मुकाबले ज्यादा कोविड एंटीबॉडी देखी गई थी. पहले के तीनों सीरो सर्वे देश के 70 जिलों के 700 गांवों और 21 राज्यों में किए गए थे.