vehicle owners care about guidelines issued by Bureau of Indian Standards regarding public safety | अब वाहन मालिकों की खैर नहीं! भारतीय मानक ब्यूरो ने सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर जारी की गाइडलाइन
Public Safety New Guidelines: आज के समय में सही से गाड़ी ना चलाने या गलत चीजों की पैकेजिंग कर उसकी डिलीवरी करने के चलते लाखों लोगों की जान चली जा रही है। इसे रोकने को लेकर सरकार अक्सर जागरूकता अभियान चलाती नजर आती है। अब भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सार्वजनिक सुरक्षा, संपत्ति एवं पर्यावरण के लिए खतरनाक एवं नुकसानदेह उत्पादों के परिवहन के दौरान सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में खतरनाक एवं नुकसानदेह उत्पादों की पैकेजिंग, साज-संभाल एवं परिवहन के दौरान ध्यान रखे जाने लायक एहतियाती उपायों का जिक्र है। इन मानकों का ध्यान वाहन मालिकों, परिवहन एजेंसियों, ठेकेदारों, ट्रक ऑपरेटरों एवं ड्राइवरों को रखना होगा। अगर कोई गाड़ी मालिक इन नियमों का ध्यान नहीं रखता है तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
ये जानकारी आई सामने
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बीआईएस ने हाल ही में खतरनाक वस्तुओं के परिवहन संबंधी दिशानिर्देश 2023 जारी किए हैं। इन मानकों को परिवहन सेवाओं की अनुभाग समिति ने तैयार किया है। इन मानकों का मकसद खतरनाक एवं नुकसानदेह वस्तुओं के परिवहन के समय सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सख्त मानदंड तय किए गए हैं। विस्फोटक पदार्थ, ज्वलनशील उत्पाद, जहरीले एवं संक्रामक उत्पादों को खतरनाक श्रेणी में गिना जाता है। इनके परिवहन के दौरान सुरक्षा का ध्यान नहीं रखे जाने पर आम लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
हाल ही में बाइक टैक्सी पर लगी थी रोक
दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी एक सूचना के मुताबिक, व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए दोपहिया वाहनों का उपयोग मोटर वाहन अधिनियम 1988 का उल्लंघन है। पहली गलती पर 5,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है, जबकि गलती दोहराने पर 10,000 रुपये का जुर्माना और एक साल तक की कैद हो सकती है। इतना ही नहीं चालक का लाइसेंस भी 3 महीने के लिए रद्द किया जा सकता है। नोटिस में कहा गया है कि कुछ ऐप-आधारित कंपनियां 1988 के अधिनियम का उल्लंघन करते हुए खुद को एग्रीगेटर के रूप में पेश कर रही हैं। ऐसा करने पर उन्हें भी एक लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। बता दें, विभाग के तरफ से ऐसा आदेश जारी करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण उन बाइक के नंबर प्लेट पीले कलर में नहीं होना है। दरअसल, गाड़ी का नंबर प्लेट पीला कलर से होना ये सूचित करता है कि वह गाड़ी बिजनेस के उद्देश्य से ली गई है। सरकार इस तरह की गाड़ियों पर अधिक टैक्स भी चार्ज करती है। पर्सनल व्हीकल पर सरकार उतनी अधिक टैक्स नहीं चार्ज करती है। साथ ही उन गाड़ियों को चलाने वाले चालक को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे सुरक्षा बनी रहती है।
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