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Pending cases in courts Law Minister Rijiju said not fault of judges it is fault of system – अदालतों में लंबित मामले- कानून मंत्री रिजिजू ने कहा

उदयपुर (राजस्थान). केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने अदालतों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने इस मुद्दे के समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं और आने वाले दिनों में और कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘इसमें न्यायाधीशों की गलती नहीं, गलती सिस्टम (व्यवस्था) की है.’ मंत्री ने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों की संख्या को कम करने का प्रमुख जरिया प्रौद्योगिकी है और अदालतों को कागज रहित (पेपरलेस) बनाने के लिए देशभर में अदालतों को प्रौद्योगिकी से लैस किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘‘हम उस ओर बढ़ रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हम इसे अंतिम रूप दे रहे हैं. उच्च न्यायालयों, निचली अदालतों, न्यायाधिकरणों को प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित किया जा रहा है. ई-अदालतों के दूसरे चरण की सफलता के कारण ही कोरोना महामारी के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई.’

कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कई उच्च न्यायालयों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करने में अच्छा काम किया है. केंद्रीय मंत्री रिजिजूमोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) उदयपुर में ‘भारत में सतत विकास: क्रमागत उन्नति और कानूनी परिप्रेक्ष्य’ विषयक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन भारत सरकार के विधि आयोग और मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. मंत्री ने कहा कि देश की अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ को पार कर गई है जो हर समय उन्हें परेशान करती है. उन्होंने कहा, ‘किसी भी राष्ट्र, किसी भी समाज में इतने सारे मामले लंबित होना बिल्कुल अच्छी बात नहीं है. इसके कई कारण हैं. यह हमारी व्यवस्था को भी शोभा नहीं देता है. मामले लंबित होने के कई कारण हैं और इसके समाधान के भी कई रास्ते हैं जिनमें सबसे बड़ा तकनीक है. इसके अलावा भी मंत्रालय कई चीजों पर काम कर रहा है और आने वाले दिनों में हम कुछ और कदम उठाने जा रहे हैं.’

भारत में जजों के लिए हालात विकट, गलती सिस्‍टम की है
किरेन रिजिजू ने सुझाव दिया कि मामलों को निपटाने की दर, फैसले करने की गति बढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘भारत में न्यायाधीशों के लिए हालात आज बहुत विकट हैं. एक एक न्यायाधीश जितने मामले निपटाते हैं, मैं समझता हूं कि यह बाकी लोगों के लिए तो असंभव है. न्यायाधीश एक दिन में 50-60 मामलों की सुनवाई करते हैं. वे इतनी बड़ी संख्या में मामलों को निपटाते भी हैं लेकिन उसकी दोगुनी संख्या में नए-नए मामले हर रोज आते हैं.’ मंत्री ने कहा, ‘आम आदमी पूछता है कि इतने मामले लंबित क्यों हैं.. लेकिन लोगों को यह पता नहीं कि न्यायाधीशों के इतना काम करने के बावजूद मामले लंबित हैं. इसमें न्यायाधीशों की गलती नहीं, गलती सिस्टम (व्यवस्था) की है.’

आपके शहर से (उदयपुर)

ए तकनीकी दौर में ‘वर्चुअल कोर्ट’ का जमाना आ गया
किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार कई पुराने व निरर्थक कानूनों को हटाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘हम उसी गतिशील न्यायिक व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं जो हमारे देश में होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘अब नए तकनीकी दौर में ‘वर्चुअल कोर्ट’ का जमाना आ गया है. हमें उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए एक शहर से दूसरे शहर तक महंगा इंधन खर्च करके जाने की जरूरत नहीं है. ‘ईकोर्ट फेस थ्री’ में यह सब कुछ संभव हो जाएगा. हम भारतीय न्याय व्यवस्था को ‘पेपरलेस और वर्चुअल’ बनाने जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में सरकार ने 1486 ऐसे कानून हटा दिए जिनकी कोई प्रासंगिकता नहीं थी और 67 ऐसे कानूनों को हटाने की प्रक्रिया जारी है जो किसी भी परिपेक्ष में काम के नहीं है.

वैश्विक मंच पर पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजर से देख रही
किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि भारत यदि कामयाब है तो विश्व कामयाब होगा. उन्होंने कहा कि अब वैश्विक मंच पर पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजर से देख रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंचों पर ‘क्लाइमेट जस्टिस’ (जलवायु न्याय) शब्द दिया है जिस को प्रभावी बनाने की दिशा में सब लोग मिलकर चिंतन कर रहे हैं. यह हम सब लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें. पश्चिमी देशों की तरह हमें भी सुविधाजनक तरीके से जीने का हक है लेकिन हम अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते हैं. हमें वह समझना होगा तभी हम बेहतर ढंग से आगे बढ़ पाएंगे.’ सतत विकास की बात करते हुए उन्होंने आर्थिक विकास और पर्यावरण में संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया.

भारत सरकार ने 10 करोड़ शौचालय बनवाए, बड़ी उपलब्धि
केंद्रीय कानून राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि भारत सरकार ने 10 करोड़ शौचालय बनाकर स्वस्थ भारत अभियान के तहत इज्जत घर बनवाए हैं. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन के क्षेत्र में भी हम लोगों ने 20% एथेनॉल वाला इंजन तैयार किया है और साथ ही एकल इस्तेमाल प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर एक नजीर पेश की है. राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव ने कहा कि पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ा है लेकिन विकास की रफ्तार को तेज भी करना है और प्रदूषण को भी रोकना है इसके लिए हमें चिंता नहीं चिंतन करना होगा. उद्घाटन सत्र में विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी ने कहा कि विकासशील देशों में सतत विकास पर्यावरण संरक्षण से ही संभव है.

Tags: Kiren rijiju, Law

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