Challenge to Russia for talking about mixing Britain into dust Rishi Sunak react ब्रिटेन को धूल में मिलाने की बात कहने पर रूस को ललकार, ऋषि सुनक बोले यूक्रेन को देंगे दोगुना हथियार

ऋषि सुनक, ब्रिटेन के पीएम
नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध को लेकर पहली बार रूस और ब्रिटेन पूरी तरह आमने-सामने आ गए हैं। दोनों देश एक दूसरे को धमकी और ललकार देने लगे हैं। अभी हाल में यूक्रेन ने कहा था कि यदि उसे ब्रिटिश मिसाइलें मिल जाती हैं तो वह इनका इस्तेमाल क्रीमिया को उड़ाने में कर सकता है। इस पर रूस आग बबूला हो गया था। जवाब में रूस ने कहा था कि यदि यूक्रेन ने ब्रिटिश मिसाइलों का इस्तेमाल क्रीमिया या रूस पर करने की गलती की तो वह ब्रिटेन को धूल में मिला देगा और ब्रिटेन को नरक में जलना होगा। रूस ने कहा कि अब वह मानेगा कि ब्रिटेन प्रत्यक्ष रूप से युद्ध में उसके सामने आ गया है। रूस की इस धमकी के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि ये वक्त यूक्रेन को दोगुनी सैन्य सहायता देने की है। जाहिर है कि ऋषि सुनक के इस बयान से पुतिन के अंदर की चिंगारी और भड़केगी। ऐसे में दोनों देशों के बीच जंग के हालात बनने से रोक पाना मुश्किल होगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने विश्व के नेताओं से यूक्रेन सैन्य सहायता दोगुनी करने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि अतिरिक्त हथियार एवं सुरक्षा गारंटी अभी युद्ध की विभीषिका झेल रहे इस देश को और भविष्य में शेष यूरोप को रूसी आक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है। सुनक ने राष्ट्राध्यक्षों, रक्षा मंत्रियों और विश्व के अन्य नेताओं की वार्षिक बैठक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अपने संबोधन में यह संदेश दिया। इस साल के सम्मेलन में, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के साल भर बाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों के स्वीकार्य नियमों को खतरे पर चर्चा की जाएगी।
युद्धक टैंक, अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणालियां और लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें यूक्रेन को मुहैया करने की ब्रिटेन की हालिया प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए सुनक ने वसंत के मौसम में रूस के संभावित हमले से पहले राष्ट्रों से सहयोग बढ़ाने की अपील की। सुनक ने कहा, ‘‘अब हमारी सैन्य सहायता दोगुनी करने का वक्त आ गया है।’’ उन्होंने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से भी यूक्रेन के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी मुहैया करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रत्येक राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए है।
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