लीडर हो तो मैक्रों जैसा, FIFA में फ्रांस की हार के बाद खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने पहुंचे प्रेसिडेंड-French President Emmanuel Macron consoles player after fifa world cup final defeat to argentina
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस के फीफा वर्ल्ड कप हारने के बाद खिलाड़ियों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया। इसका वीडियो उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इसके साथ ही वह ग्राउंड पर जाकर भी सबसे मिले। उन्होंने खिलाड़ियों को सीने से लगा लिया। अर्जेंटीना ने फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में फ्रांस को 4-2 से हराकर विश्व कप जीता है। देश को 36 साल बाद विश्व कप दिलाकर अपना अधूरा सपना पूरा करने वाले लियोनेल मेस्सी ने टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का गोल्डन बॉल पुरस्कार जीता जबकि सर्वाधिक गोल करने वाले फ्रांस के काइलियान एमबाप्पे को गोल्डन बूट मिला। वहीं मैक्रों टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए लुसैल स्टेडियम में लाइव मैच देखने पहुंचे थे। लेकिन टीम के हारते ही वह पिच पर गए और सबको संतावना दी।
एक वीडियो में मैक्रों पूरी टीम का हौसला बढ़ाते नजर आ रहे हैं। जबकि एक अन्य वीडियो में वह एमबाप्पे से बात करते नजर आए। उन्होंने फ्रांस की टीम को उपविजेता बनने के लिए मेडलों से नवाजा। खेल के बाद उन्होंने एम्बाप्पे की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें लगा कि लेस ब्लूस ट्रॉफी के बहुत करीब है। मैक्रों ने कहा, “हम फर्स्ट हाफ के आखिर में बहुत दूर थे। इस तरह की वापसी पहले भी हो चुकी है, लेकिन फुटबॉल के इतिहास में ऐसा बहुत कम होता है। हमने आश्चर्यजनक रूप से वापसी की। एम्बाप्पे और पूरी टीम ने जो किया वह असाधारण है। हमें वही भूख फिर से मिल गई है। मुझे वास्तव में विश्वास था कि हम इसे कर सकेंगे। हमारे पास अभी सेकेंड हाफ था, जो फिर वापस आएगा।”
एम्बाप्पे के लिए बोले मैक्रों
उन्होंने आगे कहा, “एम्बाप्पे एक महान खिलाड़ी हैं, लेकिन वह बहुत युवा हैं, मैंने उनसे कहा कि वह केवल 24 साल के हैं। वह विश्व कप के शीर्ष स्कोरर थे। उन्होंने विश्व कप जीता है, वह फाइनल में पहुंचे। मैं भी उनकी तरह दुखी था। मैंने उनसे कहा कि उन्होंने हमें बहुत गर्व महसूस कराया है और अंत में हम एक फुटबॉल मैच हार गए, हम इतने करीब आ गए थे। खेल में ऐसा ही होता है।” 2018 में रूस में हुए विश्व कप में, फ्रांस ने 1998 के बाद पहली बार ट्रॉफी हासिल की थी। वह फाइनल में क्रोएशिया को 4-2 से हराकर विश्व चैंपियन बना था।