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26/11 के बाद चीन में 24/11 की चर्चा, लोगों ने लाल रंग से लिख दिया RIP… बौखलाए शी जिनपिंग

चीन में कोविड लॉकडाउन के खिलाफ प्रोटेस्ट की तस्वीर- India TV Hindi
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चीन में कोविड लॉकडाउन के खिलाफ प्रोटेस्ट की तस्वीर

Protest against Covid lockdown in China: भारत में 26/11 के आतंकी हमले की दास्तान तो आपको याद होगी, जब 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते से आए पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में तबाही मचा दी थी। भारत पर हुए इस आतंकी हमले में करीब 166 लोग मारे गए थे। मगर क्या आप ने 24/11 के बारे में सुना है। आखिर ये 24/11 क्या है, जिसकी चर्चा इन दिनों चीन में जोरों पर है। चीन में कोविड लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथ में आखिर लाल रंग से लिखी 24/11 की तख्तियां क्या बयां कर रही हैं। आखिर 24/11 की चीन में शुरू हुई इस चर्चा से राष्ट्रपति शी जिनपिंग क्यों बौखला गए हैं, आइए इस बारे में आपको सबकुछ बताते हैं।

दरअसल चीन में कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए कड़े लॉकडाउन के खिलाफ शंघाई में छोटे से प्रदर्शन से इसकी शुरुआत हुई और धीरे-धीरे इसमें हजारों लोग शामिल होते गए। प्रदर्शनकारियों ने एक अपार्टमेंट में आग लगने की घटना में मारे गए लोगों की याद में शंघाई में मोमबत्ती जलाई और फूल चढ़ाए। चीन के पश्चिमी शहर उरुमकी में एक अपार्टमेंट में आग लगने की घटना के मद्देनजर किसी ने तख्तियों पर लाल रंग में ‘‘उरुमकी, 24/11 रेस्ट इन पीस (RIP)’’ लिख दिया। इसकी वजह यह थी कि चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित शिनजियांग प्रांत के उरुमकी में 24 नवंबर को अपार्टमेंट में आग की घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। कई लोगों ने यह कहते हुए सरकार की आलोचना की थी कि कोविड पर नियंत्रण के लिए लागू सख्त प्रतिबंधों के कारण लोग वहां से निकल नहीं पाए।

24/11 रेस्ट इन पीस (RIP) लिखकर मांगा शी जिनपिंग का इस्तीफा


आग की घटना से कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए कठोर लॉकडाउन के नियमों को लेकर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने पिछले सप्ताहांत छोटे से प्रदर्शन से इसकी शुरुआत हुई लेकिन बाद में सैकड़ों लोगों की भीड़ इससे जुड़ती गई। लोगों ने 24/11 रेस्ट इन पीस (RIP) लिखकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इस्तीफा मांगा। एक महिला ने शी चिनफिंग ‘इस्तीफा दो’ के नारे लगाए और अन्य लोगों ने उसका अनुसरण किया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। शंघाई में 26 नवंबर को हुआ प्रदर्शन कोई पहला और सबसे बड़ा नहीं था। लेकिन पहली बार मुखर तरीके से चीनी नेतृत्व में बदलाव का आह्वान किया गया।

चीनी प्रदर्शन से हिल गई कम्युनिस्ट पार्टी

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ दशकों में पहली बार इस तरह लोगों का आक्रोश दिखा। कई राष्ट्रवादी व्लॉगर ने प्रदर्शन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का अंदेशा जताया और सरकार ने अस्थिर करने वाली ताकतों के खिलाफ कार्रवाई की बात की, लेकिन यह प्रदर्शन दिनों दिन बड़ा होते गया। चीन की ‘‘शून्य कोविड’’ नीति के तहत लॉकडाउन को लेकर देश में प्रदर्शन जिस तरह भड़का, उसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। ना तो प्रशासन को ना पुलिस को और ना ही प्रदर्शनकारियों को भी।

प्रदर्शन में भाग लेने वालों के दोस्तों ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि 26 नवंबर को शंघाई के फ्रेंच कन्सेशन से प्रदर्शन शुरू हुआ। शुरुआत में इसमें स्थानीय कलाकारों और संगीतकारों ने हिस्सा लिया। उत्तर-पश्चिम में स्थित शिनजियांग प्रांत के उरुमकी में 24 नवंबर को अपार्टमेंट में आग की घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। कई लोगों ने यह कहते हुए सरकार की आलोचना की थी कि कोविड पर नियंत्रण के लिए लागू सख्त प्रतिबंधों के कारण लोग वहां से निकल नहीं पाए।

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