EU देशों का बड़ा फैसला, रूसी तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल तय, आखिर क्या है मकसद?-EU countries fixed price of Russian oil at 60 dollar per barrel know what is the purpose


यूरोपीय संघ के देशों ने रूसी तेल की कीमत तय की
यूरोपीय संघ (ईयू) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए रूसी तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल तय करने पर अस्थायी रूप से सहमती जताई है। पश्चिमी प्रतिबंधों का उद्देश्य कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए वैश्विक तेल बाजार को फिर से व्यवस्थित करना और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को निधि से वंचित करना है, ताकि वह इसका इस्तेमाल यूक्रेन में युद्ध के लिए नहीं कर पाएं। ऐसे में ईयू का यह कदम काफी अहम है।
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ने एक बयान में कहा, ‘‘राजदूत अभी रूसी समुद्री तेल के लिए कीमत तय करने को लेकर एक समझौते पर पहुंचे हैं।’’ निर्णय को अभी एक लिखित प्रक्रिया के साथ आधिकारिक रूप से अनुमोदित किया जाना चाहिए, लेकिन इसमें किसी रुकावट की आशंका नहीं है। उन्हें रियायती मूल्य निर्धारित करने की आवश्यकता थी, जिसका अन्य देश सोमवार तक भुगतान करेंगे। समुद्र द्वारा भेजे जाने वाले रूसी तेल पर यूरोपीय संघ का प्रतिबंध सोमवार को लागू होगा और इस आपूर्ति के लिए बीमा पर प्रतिबंध भी तभी से प्रभावी होता है।
कीमत तय करने से क्या फायदा होगा?
कीमत तय करने का उद्देश्य दुनिया में रूसी तेल की आपूर्ति में अचानक कमी आने को रोकना है, क्योंकि इससे ऊर्जा स्रोतों की कीमतों में एक नया उछाल आ सकता है और ईंधन के दाम बढ़ सकते हैं।