चीन में फिर लॉकडाउन! ठंड बढ़ते ही ‘कोरोना विस्फोट’, एक दिन में आए सबसे ज्यादा मामले । china corona lockdown daily covid cases hit record
बीजिंग: चीन में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। गुरुवार को सामने आए ऑफिशियल डेटा में खुलासा हुआ कि महामारी की शुरुआत के बाद से इस देश में रोजाना दर्ज हो रहे कोविड मामले अब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। चीन में बुधवार को 31,454 नए मामले सामने आए थे, जिसमें से 27,517 में कोई लक्षण नहीं थे। अगर चीन की 1.4 बिलियन की आबादी को देखा जाए तो यह आंकड़ा बेहद कम है लेकिन चीन में इससे खलबली मच गई है। चार दिन पहले यानी 20 नवंबर को 26,824 मामले में सामने आए थे। बता दें कि चीन में इसी साल अप्रैल में 29,390 नए मामले सामने आए थे लेकिन बुधवार के आंकड़ों ने इसे भी पार कर दिया।
चीन में सख्त जीरो कोविड पॉलिसी, सड़कों पर उतरे लोग
चीन में सख्त जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। कोरोना का प्रसार रोकने के लिए चीन में लॉकडाउन, बड़े स्तर पर टेस्टिंग और यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगाए गए हैं। कोरोना के मामले के तीसरे साल में जाने के बीच चीन में एक के बाद एक पाबंदियों और सख्त गाइडलाइंस ने लोगों को थका दिया है और गुस्से में भी भर दिया है। झोंगझोउ में लॉकडाउन समेत कई सख्त कोविड नियमों और वेतन विवाद को लेकर जबरदस्त नाराजगी देखी गई। यहां कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई।
चीनी आईफोन फैक्टरी में प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को पीटा गया
दूसरी ओर, चीन स्थित एप्पल आईफोन के दुनिया के सबसे बड़े कारखाने में कर्मचारियों को कोरोना वायरस के कारण लागू प्रतिबंधों के बीच संविदा संबंधी विवाद के चलते पीटा गया और हिरासत में रखा गया। सोशल मीडिया पर बुधवार को पोस्ट किए गए कुछ वीडियो में यह नजर आ रहा है और प्रत्यक्षदर्शियों ने भी यह जानकारी दी।
पुलिस का सामना करते नजर आए नकाब पहने हजारों प्रदर्शनकारी
चीनी सोशल मीडिया पर उपलब्ध झोंगझोउ स्थित कारखाने के वीडियो में नकाब पहने हजारों प्रदर्शनकारी सफेद सुरक्षात्मक सूट पहने पुलिसकर्मियों का सामना करते नजर आ रहे हैं। एक व्यक्ति के सिर पर डंडा मारा गया और एक अन्य को उसके हाथ पीछे की ओर बांधकर ले जाया गया। सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में कहा गया कि ये लोग संविदा के उल्लंघन का विरोध कर रहे थे। चीन में कोरोना वायरस संक्रमण को कारण लंबे समय तक दुकानें एवं कार्यालय बंद रहे और लाखों लोगों को कई सप्ताह तक घरों में बंद रहना पड़ा। इन प्रतिबंधों से परेशान लोगों ने कुछ इलाकों में प्रदर्शन किए हैं।