यूक्रेन में परमाणु हमले की आशंका के बीच लोग खूब खरीद रहे आयोडीन की गोलियां, जानें वजह

नई दिल्ली. यूक्रेन में परमाणु हमले के बदस्तूर जारी डर के बीच यहां लोग भारी मात्रा में आयोडीन की गोलियां खरीद रहे हैं. कीएव में एक दवा दुकानदारों के हवाले से द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां रोजाना कई ग्राहक आयोडीन की गोलियों की तलाश में आ रहे हैं.
पिछले हफ्ते ही कीव सिटी काउंसिल ने घोषणा की थी कि अगर कोई परमाणु त्रासदी होती है कि ‘डॉक्टरों की सलाह के आधार पर’ लोगों को पोटेशियम आयोडाइड की गोलियां वितरित की जाएंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि ये गोलियां शहर की दवा दुकानों में भी उपलब्ध हैं.
यूरोप के कुछ देशों ने पहले से ही इन गोलियों को स्टॉक करना शुरू कर दिया है. उधर फ़िनलैंड के कई मेडिकल स्टोर्स में इन गोलियों की कमी हो गई है. इसे देखते देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी कि आपात स्थिति में ही लोगों को केवल एक खुराक खरीदनी चाहिए.
परमाणु विकिरण से बचाव में कितनी कारगर हैं आयोडीन की गोलियां
यूरोपीय देशों में आयोडीन की गोलियां की बढ़ी मांग के बीच सवाल उठता है कि आखिर परमाणु रिसाव या हमला होने पर लोगों को बचाने में ये गोलियां कितनी कारगर साबित होंगी? दरअसल पोटेशियम आयोडाइड या KI एक प्रकार के परमाणु जोखिम के खिलाफ खास सुरक्षा प्रदान करता है. दरअसल किसी परमाणु दुर्घटना में वातावरण में बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी आयोडीन उत्सर्जित होता है. ऐसे में आयोडिन की ये गोलियां गर्दन में मौजूद हार्मोन-उत्पादक ग्रंथि थायराइड को ये रेडियोधर्मी आयोडीन लेने से रोकती हैं.
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ये रेडियोधर्मी पदार्थ सांस लेने या दूषित भोजन के जरिये अगर शरीर में प्रवेश करता है तो थाइरोइड कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह बच्चों के लिए खास तौर से खतरनाक है और इसके स्वास्थ्य जोखिम कई वर्षों बाद तक रह सकते हैं.
आयोडीन की गोलियां थायरॉयड को आयोडीन के एक स्थिर संस्करण से भर देती हैं, जिससे रेडियोधर्मी आयोडीन अंदर नहीं जा पाता. अगर थायरॉयड पहले से ही पोटेशियम आयोडाइड से भरा हुआ है तो यह हानिकारक आयोडीन को नहीं ले पाएगा जो किसी परमाणु दुर्घटना के बाद वातावरण में बचा रह जाता है.
ये गोलियां बेहद सस्ती हैं और दुनिया भर में आसानी से उपलब्ध हैं. अमेरिका सहित कई देशों में इनका भंडार है. हालांकि यहां गौर करने वाली यह है कि पोटेशियम आयोडाइड किसी अन्य प्रकार के रेडियोधर्मी खतरों से रक्षा नहीं करता है.
परमाणु हमले में नहीं होगा कारगर
उदाहरण के लिए अगर एक परमाणु बम कई अलग-अलग प्रकार के विकिरण और रेडियोधर्मी तत्व छोड़ते हैं, जो शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि पोटेशियम आयोडाइड केवल कुछ परमाणु आपात स्थितियों में ही लिया जाना चाहिए और अगर यह विकिरण के समय के करीब लिया जाता है तो यह सबसे अच्छा काम करता है. इसे समय से पहले निवारक उपाय के रूप में लेने से कोई फायदा नहीं होने वाला.
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Tags: Nuclear Energy, Russia, Russia ukraine war
FIRST PUBLISHED : October 16, 2022, 05:30 IST