बेंगलुरु: लोगों को ऑनलाइन शिकार बना रहे फर्जी डॉक्टर, सरकार लगाए अंकुशः कर्नाटक हाईकोर्ट

हाइलाइट्स
सोशल मीडिया का सहारा लेकर प्रभावित करते हैं चिकित्सक
संजना फर्नांडिस उर्फ रवीरा की आपराधिक याचिका पर सुनवाई
बेंगलुरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने छद्म चिकित्सकों और ‘इंस्टाग्राम के जरिये प्रभावित करने वालों’ की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नियामक उपाय करने की सरकार को सलाह दी है. अदालत ने आगाह किया कि कई लोग ऐसे ऑनलाइन चिकित्सकों के शिकार हो रहे हैं.
आपराधिक मामला रद्द करने का अनुरोध करने वाली ऐसी ही एक ‘प्रभावशाली’ महिला की याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने दो सितंबर के अपने फैसले में कहा था- ‘इस तरह के चिकित्सकों की सोशल मीडिया पर भरमार है. वास्तव में वे न तो नैतिकता से बंधे हैं न ही मानदंडों से विनियमित हैं. इस तरह के मामले बड़े पैमाने पर सामने आने लगे हैं, जिसमें इलाज के इच्छुक लोग छद्म चिकित्सक के शिकार हो जाते हैं.’
सोशल मीडिया का सहारा लेकर प्रभावित करते हैं चिकित्सक
अदालत ने कहा- ‘सार्वजनिक डोमेन में ऐसे चिकित्सकों की एक बड़ी संख्या है. सोशल मीडिया पर चिकित्सक खुद को ऐसे पेश करते हैं जैसे वे इस पेशे से जुड़े हों. यह सार्वजनिक डोमेन में भी है कि वे छद्म चिकित्सक हैं जो इंस्टाग्राम के जरिये प्रभावित करते हैं.’
संजना फर्नांडिस उर्फ रवीरा की आपराधिक याचिका पर सुनवाई
जस्टिस एम नागप्रसन्ना बेंगलुरु की रहने वाली 28 साल की संजना फर्नांडिस उर्फ रवीरा की आपराधिक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. याचिकाकर्ता के खिलाफ शंकर गणेश पीजे ने शिकायत दर्ज कराई थी. मामला अब एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित है, जिसमें उस पर भारतीय दंड संहिता ‘आईपीसी’ और सूचना प्रौद्योगिकी ‘आईटी’ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी के अपराधों के आरोप लगाये गये हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Bangalore news, Doctor, Karnataka High Court, Online fraud
FIRST PUBLISHED : October 10, 2022, 00:10 IST