महिलाओं की नॉर्मल डिलिवरी के लिए पंजाब में खुल रहा इंस्टीट्यूट, पहला बैच शुरू

चंडीगढ़. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब भी अब गर्भवती महिलाओं में नॉर्मल डिलिवरी को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े कदम उठा रहा है. पंजाब सरकार की ओर से नॉर्मल डिलिवरी के लिए नया मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोला जा रहा है. पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि सिजेरियन सैक्शन के द्वारा प्रसूतियों की बजाय नॉर्मल प्रसूतियों को उत्साहित करने के लिए पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह इंस्टीट्यूट भारत सरकार के भारत में मिडवाईफरी सेवाओं संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थापित किया जा रहा है जिससे एक नया कैडर (एनपीएम) लाकर पेशेवर दवाईयों के एक डेडीकेटड कैडर में निवेश को प्राथमिकता दी जा सके. उन्होंने कहा कि यह इंस्टीट्यूट, देश भर की 16 ट्रेनिंग संस्थाओं में से एक होगा जहां मिडवाईफरी ऐजूकेटरों को ट्रेनिंग दी जायेगी जो आगे एनपीएम के कैडर का विकास करेंगे. पंजाब महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद तीसरा राज्य है जो सरकारी सैक्टर में राष्ट्रीय मिडवाईफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू कर रहा है.
मंत्री ने कहा कि मिडवाईफरी के नेतृत्व वाली देखभाल एक अहम बदलाव है जो एमसीएच सेवाओं के मामले में हमारे राज्य में बहुत सी समस्याओं को हल कर सकती है. कोविड-19 महामारी के कारण हाल ही के समय में पंजाब एमएमआर में भी विस्तार हुआ है जब सभी स्रोत कोविड की तरफ लगा दिए गए थे. मार्च 2022 में जारी किये गए नवीनतम एसआरएस आंकड़ों से अनुसार पंजाब, आज 114 वें स्थान पर है. मिडवाईफरी अभ्यासों को प्राथमिक पड़ाव पर लाना न सिर्फ एमएमआर को घटाने में मदद करेगा, बल्कि बच्चे के जन्म से सम्बन्धित देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करेगा और उच्च स्तरीय सहूलतों को कम बढ़ाएगा.
इस नई पहलकदमी के बारे और जानकारी देते हुये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि पटियाला में माता कौशल्या स्कूल आफ नर्सिंग में एक नेशनल मिडवाईफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ( एनएमटीआई) शुरू किया गया है. इंस्टीट्यूट को इसके अत्याधुनिक ट्रेनिंग बुनियादी ढांचे, इसके पेरैंट अस्पताल में एक कार्यशील प्रसूती विभाग तक पहुंच, उच्च भार वाली क्लिनिकल अभ्यास साइट, और एक नया कोर्स शुरू करने की इच्छा के कारण एक नवीनतम संस्था के तौर पर चुना गया है.
यह उम्मीद है कि पटियाला में नेशनल मिडवाईफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कई राज्यों के लिए मिडवाईफरी ट्रेनिंग के लिए मॉडल टीचिंग इंस्टीट्यूट और पैडागोजिक रिसोर्स सेंटर के तौर पर काम करेगा. यहां ट्रेनिंग देने के लिए न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और कीनिया के अंतरराष्ट्रीय ऐजूकेटरों को भी राज्य सरकार की तरफ से संयुक्त राष्ट्र आबादी फंड के सहयोग से लाया गया है जो कि 18 महीने के कोर्स के लिए 30 शिक्षार्थियों के पहले बैच को पढ़ाएगा. गौरतलब है कि पहला बैच 21 सितम्बर, 2022 से शुरू किया जा चुका है.
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Tags: Nurse, Punjab, Punjab news
FIRST PUBLISHED : October 01, 2022, 20:22 IST