राष्ट्रीय
उन्नाव की घटना पर ओवैसी का योगी पर निशाना- अगर फैसल का नाम विवेक तिवारी होता तो सरकार माफी मांगती


ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 56 फीसदी पुलिस बिना किसी जांच के ये मान कर चलती है कि मुस्लिम अपराधी होते हैं.
Unnao Death: AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की 56 फीसदी पुलिस बिना किसी जांच के ये मान कर चलती है कि मुस्लिम अपराधी होते हैं.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पुलिस की कथित बर्बर पिटाई के बाद युवक की मौत को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर मृतक का नाम फैसल नहीं होता और वो कोई हिंदू होता तो सीएम योगी उनसे जरूर माफी मांगते. बता दें कि दो दिन पहले पुलिस की कथित पिटाई से हिरासत में युवक की मौत के बाद उन्नाव में बवाल मच गया. इस मामले में अब तक दो पुलिसकर्मियों और होमगार्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘अगर लड़के का नाम फैसल नहीं होता और उसका नाम विवेक तिवारी जैसा कोई हिंदू नाम होता, तो योगी आदित्यनाथ की सरकार परिवार से माफी मांगती. साथ ही मृतक परिवार के सदस्यों को तुरंत अनुग्रह राशि जारी करती. ऐसी घटनाओं से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में रहने वाले मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रही हैं.’ सरकार पर काला धब्बा ओवैसी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की 56 फीसदी पुलिस बिना किसी जांच के ये मान कर चलती है कि मुस्लिम अपराधी होते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों के प्रति ये नफरत राज्य के मुस्लिम युवाओं के प्रति यूपी पुलिस में झलकती है. ये योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार पर एक और काला धब्बा है.’ये भी पढ़ें:- CM योगी का बड़ा ऐलान- कोरोना की तीसरी लहर से पहले सभी लोगों को टीका क्या हुआ था उन्नाव में? कहा जा रहा है कि कोरोना कर्फ्यू में सब्जी मंडी में सब्जी का ठेला लगाने पर सब्जी विक्रेता फैसल को सिपाही विजय चौधरी ने टोक दिया. जिस पर दोनों में बहस हो गई और सिपाही ने लॉकडाउन उल्लंघन का हवाला देकर थप्पड़ जड़ दिया. आरोप है कि सिपाही बुलेट बाइक से सब्जी विक्रेता को कोतवाली ले गए. यहां फैसल को जमकर मारा-पीटा गया, इसके बाद सब्जी विक्रेता की तबियत बिगड गई. पुलिसकर्मी आनन-फानन में उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. फैसल की मौत होने पर सिपाही मौके से भाग निकले, इस दौरान किसी ने सूचना मृतक के परिजनों को दी तो मौके पर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई.