EV की दुनिया में धमाका करने की तैयारी में Maruti, एक साथ कई मॉडल उतारने की योजना Maruti preparing to explode in the world of EV, plans to launch multiple models at once


EV
Highlights
- कंपनी की योजना 2025 में पहला इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल उतारने की
- भविष्य में अपने कारखानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण पर भी विचार कर रही
- मौजूदा मॉडलों के साथ बीते एक साल से भी अधिक समय से ईवी का परीक्षण
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) प्रतिस्पर्धियों को टक्कर देने और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के क्षेत्र में अगुवा बनने के लिए कई बिजलीचालित वाहन मॉडल उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि, इस क्षेत्र में अभी कंपनी का कोई मॉडल नहीं है। कंपनी के नए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेयूची ने यह बात कही। कंपनी की योजना 2025 में पहला इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल उतारने की है। देश में ईवी की मांग बढ़ने पर वह भविष्य में अपने कारखानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण पर भी विचार कर रही है। पहला ईवी मॉडल सुजुकी मोटर के गुजरात संयंत्र में बनाया जाएगा।
हम ईवी के बारे में कुछ नहीं कर रहे, ऐसा नहीं
ताकेयूची ने कहा, भारतीय बाजार में ईवी मॉडल उतारने के मामले में हम अपने प्रतिस्पर्धियों से कुछ पीछे रह गए हैं, वैसे भी बाजार में ईवी की मांग सीमित है। वास्तव में भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अभी भी बहुत सीमित है। उन्होंने कहा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम ईवी के बारे में कुछ नहीं कर रहे। हम अपने मौजूदा मॉडलों के साथ बीते एक साल से भी अधिक समय से ईवी का परीक्षण कर रहे हैं। यह परीक्षण भारतीय माहौल के अनुरूप किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी ईवी प्रौद्योगिकी भारत के पर्यावरण के लिहाज से अच्छी है।
पहला इलेक्ट्रिक वाहन 2025 में उतारेगी
ताकेयूची ने कहा कि कंपनी पहला इलेक्ट्रिक वाहन 2025 में उतारेगी और फिर एक के बाद एक कई मॉडल उतारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन बहुत महंगे होते हैं और वर्तमान प्रौद्योगिकी के साथ किफायती इलेक्ट्रिक वाहन बनाना काफी कठिन है। यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि कंपनी का पहला ईवी 10 लाख रुपये से कम का नहीं होगा, ताकेयूची ने कहा, मैं आपको इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे सकता हूं, लेकिन लागत के मोर्चे पर प्रतिस्पर्धी बने रहते हुए कम महंगा इलेक्ट्रिक वाहन लाना काफी मुश्किल है। इसकी वजह बैटरी की लागत है।