US ने भारत को किया आगाह, कहा चीन से हमला होने पर यह न समझे कि रूस की ओर…..

नई दिल्ली. अमेरिका ने रूस को लेकर भारत पर बड़ा बयान दिया है. दरअसल, अमेरिका हर हाल में भारत को रूस से सामानों की खरीद को रोकना चाहता है. इसलिए अमेरिका के डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ( Daleep Singh) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत को यह नहीं समझना चाहिए कि अगर चीन एलओसी का उल्लंघन करता है तो रूस भारत को साथ देगा. उन्होंने कहा कि रूस का अब चीन के साथ अटूट साझेदारी या अटूट दोस्त की तरह है. दलीप सिंह का इशारा था कि अगर चीन भारत पर हमला करता है तो भारत को यह नहीं समझना चाहिए कि उसका पुराना मित्र रूस उसका साथ देगा क्योंकि रूस अब चीन का असीमित साझीदार हो गया है.
यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ ही दिनों में अमरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खुद भारत आ रहे हैं और इससे पहले भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की उनसे मुलाकात हो चुकी है. इस मुलाकात के बाद ही दलीप सिंह ने यह बयान दिया है
हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात के बाद बयान
अमेरिका उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह का कहना है कि हम चाहते हैं कि रूस से भारत तेल खरीदने या कोई भी सामान खरीदने में तेजी न दिखाए. दलीप सिंह का मानना है कि रूस से सामानों की खरीददारी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के तहत आता है क्योंकि रूस ने यूक्रेन पर अनावश्यक आक्रमण किया है. इस बीच भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह से वाशिंगटन में मुलाकात की है. दलीप सिंह जी 20 के शेरपा भी हैं. दोनों नेताओं के बीच दोनों देशों में आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई. दोनों देशों ने आपसी हित के लिए जी 20 सहित वैश्विक मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है. गौरतलब है कि जी 20 का 2023 का सम्मेलन भारत में होने वाला है.
भारत जैसे मित्र देशों के साथ लाल निशान नहीं
दलीप सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा, अगर चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करता है तो रूस की ओर से देश की सुरक्षा का मुगालता भारत को नहीं पालना चाहिए. क्योंकि रूस और चीन अब असीमित साझेदारी की ओर बढ़ गया है. दलीप सिंह पत्रकारों का जवाब दे रहे थे. दलीप सिंह इसमें काफी उखड़े हुए दिख रहे थे. उन्होंने उन देशों को भी चेतावनी दी जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को बायपास कर रूस से सस्ती दर पर सामान खरीदना चाहता है. हालांकि दलीप सिंह ने यह भी कहा कि वह भारत जैसे दोस्तों के साथ वह कोई लाल निशान निर्धारित नहीं करना चाहते हैं. इसलिए नई दिल्ली में उनके साथ बातचीत वैश्विक शांति और सुरक्षा की मूल भावना को ध्यान में रखकर ही होगाी.
रूस पर ऊर्जा की निर्भरता कम करेंगे
दलीप सिंह से जब पूछा गया कि रूस ने भारत को जो सस्ते तेल खरीदने का ऑफर दिया है, उसे आप किस तरह देखते हैं, तो उन्होंने कहा, मैं भारत द्वारा रूस से ऐसी किसी भी चीज की खरीद को देखना नहीं चाहते हैं जो अमेरिका या वैश्विक समुदाय द्वारा प्रतिबंधित है. इन चीजों की खरीद में मैं किसी प्रकार की तेजी देखना नहीं चाहते हैं. सिंह से एक पत्रकार ने पूछा कि यूएस फाइनेंशियल सिस्टम में एनर्जी से संबंधित पेमैंट को छूट दिया गया और रूस से ऊर्जा आयात पर भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इस पक दलीप सिंह ने कहा, अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी देश रूस जैसे देशों पर ऊर्जा की निर्भरता में कमी लाने पर सहमति व्यक्त किया है.
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