Yogi 2.0: जसवंत सैनी से लेकर दानिश आजाद तक, योगी कैबिनेट में शामिल इन नामों ने सबको चौंकाया

लखनऊ. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के साथ इस बार 52 मंत्रियों ने शपथ ली है. वहीं, योगी कैबिनेट 2.0 में शामिल कुछ नामों ने सबको चौंका दिया है. हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से कुछ नाम तो किसी सदन के सदस्य भी नहीं हैं. इसके अलावा इनको लेकर योगी कैबिनेट की लिस्ट जारी होने तक कहीं कोई चर्चा नहीं थी.
फिलहाल, हम जिन नामों की चर्चा कर रहे हैं, उनमें पहला नाम दानिश आजाद का है. उनको योगी कैबिनेट में मोहसिन रजा की जगह शामिल किया गया है. इसके अलावा काशी के दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, भाजपा पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष जसवंत सिंह सैनी के साथ जेपीएस राठौर और नरेंद्र कश्यप का नाम भी शामिल है.
दानिश आजाद को मिली मोहसिन रजा की जगह
योगी कैबिनेट में इस बार 32 साल के दानिश आजाद को जगह मिली है, जो कि इकलौते मुस्लिम मंत्री हैं. वह करीब छह साल तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे हैं. इससे पहले भाजपा ने उनको 2017 में उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया था. वहीं, विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले आजाद को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया था. वह, मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं. जबकि लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की है.
जसवंत सैनी का पार्टी में दबदबा रहा कायम
योगी कैबिनेट 2.0 में चौंकाने वाला दूसरा नाम जसवंत सैनी का है. वह फिलहाल उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं. ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले इस नेता ने 1989 में आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में काम किया और इसके बाद छात्र राजनीति में अपना दम दिखाया. यही नहीं, वह पिछले 32 साल से आरएसएस और भाजपा में सक्रिय हैं. जबकि 2009 में एकमात्र चुनाव लोकसभा का लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं सके थे. बता दें कि जसवंत सैनी रामपुर मनिहारान क्षेत्र के गांव आजमपुर के रहने वाले हैं. वह छह भाई और दो बहनों में सबसे बड़े हैं. सैनी ने सहारनपुर के जैन डिग्री कॉलेज से एमए और एलएलबी की पढ़ाई की है. इसके अलावा वह सहारनपुर भाजपा अध्यक्ष भी रहे चुके हैं.
दयाशंकर मिश्र दयालु को बनाया राज्य मंत्री
योगी कैबिनेट में काशी से तीन लोगों को जगह मिली है, जिनमें वाराणसी की शिवपुर सीट से जीते अनिल राजभर और शहर उत्तरी सीट से जीते रविंद्र जयसवाल के अलावा दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ (Dayashankar Mishra Dayalu) का नाम शामिल है. ‘दयालु’ पहली बार बिना विधानसभा चुनाव लड़े मंत्री बने हैं. उनको राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. बता दें कि वह 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. उसके बाद 2017 के चुनाव से पहले उनके वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. उसके बाद उनको पूर्वांचल विकास बोर्ड में बड़ी जिम्मेदारी देकर भाजपा संगठन ने विश्वास जताया. जबकि 2022 के चुनाव में एक बार फिर उनके चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. मूल रूप से गाजीपुर के सिवाना गांव के रहने वाले ‘दयालु’ ने अपनी प्राइमरी शिक्षा सीधा गांव से की है. इसके बाद उन्होंने हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान छात्र नेता के तौर पर सियासत का ककहरा सीखा. वहीं, कई साल तक वह कांग्रेस के साथ रहे और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दामन थाम लिया.
जेपीएस राठौर और कश्यप भी बने मंत्री
इस बार योगी कैबिनेट में जेपीएस राठौर को भी जगह मिली है और उनको राज्यमंत्री बनाया गया है. वैसे वह भाजपा के प्रदेश महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष थे. राठौर ने आईआईटी बीएचयू से बीटेक और एमटेक किया है. यही नहीं, वह 1996 में बीएचयू के छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे हैं. इस बार के चुनाव में उनके पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी थी. इसका राठौर को इनाम मिला है. जबकि गाजियाबाद के पूर्व राज्यसभा सांसद और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप को भी राज्यमंत्री बनाया गया है. बता दें कि कश्यप को पश्चिमी यूपी का बड़ा नेता माना जाता है.
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