राष्ट्रीय

देश में इस तरह का पहला केस! AFT ने सेना के जवान को 25 साल बाद किया बहाल, पेंशन भी मिलेगी

चंडीगढ़: अपनी तरह के एक पहले मामले में, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (The Armed Forces Tribunal-AFT) ने आर्मी अथॉरिटी (Army Authority) को  एक ऐसे पूर्व सैनिक को फिर से बहाल करने का निर्देश दिया है, जिसे 25 साल पहले सेवा से हटा दिया गया था. और जिसकी वजह से इस सैनिक को पेंशन से मुक्त मान लिया गया था. हांलाकि, ट्रिब्यूनल ने यह साफ कर दिया कि याचिकाकर्ता सैनिक लखन सिंह (Lakhan Singh)  को उस अवधि के लिए किसी तरह का भुगतान नहीं किया जाएगा, जब वह सेवा में नहीं था. वह केवल पेंशन का हकदार होगा.

इस मामले में पूर्व सैनिक लखन सिंह के खिलाफ एक लंबित आपराधिक मामला था, जिसे उसने आर्मी अथॉरिटी से कथित तौर पर छिपाया. सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के कुछ महीने बाद साल 1997 में उसे सेना से निकाल दिया गया.

आपराधिक मामले में था नाम

AFT की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के मूल निवासी लखन सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेशा पारित किया कि सेना में भर्ती होने के लिए फॉर्म भरते समय दिसंबर 1994 में  याचिकाकर्ता ने घोषणा की थी कि उसके खिलाफ कोई मामला लंबित नहीं है. पारिवारिक विवाद के कारण, याचिकाकर्ता को आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आपराधिक मामले में झूठा फंसाया गया था. 1994 में, फॉर्म भरते समय, वास्तव में उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था.

याचिकाकर्ता ने मई 1996 में अपना प्रशिक्षण पूरा किया और सेना की एक इकाई में तैनात हो गया. इसके बाद सेना ने उसके सत्यापन का विवरण संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दिया. पुलिस ने बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है. सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, बिना किसी नोटिस के और याचिकाकर्ता को खुद को समझाने का अवसर दिए बिना, सेना ने उन्हें 6 जनवरी, 1997 को तथ्यों को छिपाने के लिए सेवा से हटा दिया. उन्होंने उच्च अधिकारियों से संपर्क किया और समझाया कि जब उन्होंने फॉर्म भरा तो उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है.

फिर से बहाली के लिए अदालत का खटखटाया दरवाजा

याचिकाकर्ता को 2003 में आपराधिक मामले में बरी कर दिया गया, जिसके बाद उसने बहाली के लिए सेना से संपर्क किया लेकिन न तो उसके आवेदन पर कोई निर्णय लिया गया और न ही उसे कोई जानकारी दी गई. इससे निराश होकर लखन सिंह सैन्य सेवा में फिर से बहाली के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन बाद में उनका मामला AFT में स्थानांतरित कर दिया गया.

Tags: Army, Indian army

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
VIVA99 adalah salah satu deretan daftar situs judi online terpercaya dan paling gacor yang ada di indonesia . VIVA99 situs agen judi online mempunyai banyak game judi slot online dengan jacpot besar, judi bola prediksi parlay, slot88, live casino jackpot terbesar winrate 89% . Mau raih untung dari game judi slot gacor 2022 terbaru? Buruan Daftar di Situs Judi Slot Online Terbaik dan Terpercaya no 1 Indonesia . VIVA99 adalah situs judi slot online dan agen judi online terbaik untuk daftar permainan populer togel online, slot88, slot gacor, judi bola, joker123 jackpot setiap hari