गोवा में भाजपा अब तक सरकार क्यों नहीं बना पा रही है? जानिए, तीन दिलचस्प कारण

पणजी. गोवा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Elections) में 40 में 20 सीटें जीतकर सरकार बनाने लायक संख्या हासिल कर ली. बहुमत के लिए 1 विधायक की उसे जरूरत रही और 3 निर्दलियों ने उसे समर्थन दे दिया. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) के भी 1-2 विधायक भाजपा के साथ बताए जाते हैं. मतलब, तसल्ली के साथ गोवा में भाजपा सरकार बना रही है, लेकिन अब तक बन नहीं पाई है. इससे सवाल उठ रहे हैं, आखिर अड़चन क्या है, जिसने भाजपा की राह रोकी हुई है? इसके जवाब में 3 प्रमुख कारण बताए जाते हैं और तीनों ही दिलचस्प हैं. जानते इनके बारे में.
पहला कारण- उत्तराखंड
अभी-अभी हुए 5 राज्यों के चुनाव में भाजपा ने जिन चार राज्यों में बहुमत हासिल किया, उनमें उत्तराखंड भी है. लेकिन वहां भाजपा के लिए अजीब स्थिति पैदा हो गई है. पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें जीतकर राज्य में पहली बार लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल करने का इतिहास बनाया. लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के रूप में जिस चेहरे को आगे कर उसने चुनाव जीता, वे खुद खटीमा विधानसभा सीट से हार गए. अब भाजपा नेतृत्त्व के सामने दुविधा ये है कि वह धामी को ही फिर कमान सौंपे या नए मुख्यमंत्री के रूप में किसी चुने हुए विधायक का चुनाव करे. इसी ऊहापोह में गोवा का मामला भी अटक गया. वैसे सूत्रों की माने तो भाजपा नेतृत्व ने उत्तराखंड (Uttarakhand) के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर नेता का चुनाव कर लिया है. इस बारे में जल्द ही कोई घोषणा हो सकती है. इसके बाद गोवा का मामला निपटाया जाएगा. बल्कि भाजपा की जीत वाले चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण की तारीखों आदि की घोषणा एक साथ किए जाने की तैयारी है.
दूसरा कारण- होलाष्टक
भाजपा के अधिकांश नेता मुहूर्त आदि को मानते हैं. इस हिसाब से होली तक कोई मूहूर्त भी नहीं है. विधानसभा चुनावों के नतीजे 10 मार्च को आए थे. इसके अगले ही दिन होलाष्टक लग गया, जिसमें कोई भी शुभ शुरुआत वर्जित होती है. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इसी वजह से गोवा सहित चारों राज्यों में भाजपा की सरकारों का शपथग्रहण अटका हुआ है. किसी तरह का विवाद या भ्रम की स्थिति कहीं नहीं है.