अमेरिका को आम, अनार का निर्यात शुरू करेगा भारत, कृषि निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी India will start exporting mango, pomegranate to America, will help in increasing agricultural exports


अमेरिका को आम, अनार का निर्यात शुरू करेगा भारत
Highlights
- आम और अनार का निर्यात जनवरी-फरवरी, 2022 में शुरू होगा
- अमेरिका की चेरी और अल्फाल्फा भारतीय बाजार में बिकेंगे
- भारत ने बीते दो वर्ष से अमेरिका को आम निर्यात नहीं किए हैं
नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत से अमेरिका को आम और अनार का निर्यात इस साल जनवरी-फरवरी में शुरू हो जाएगा। इससे देश का कृषि निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत से अनार के दानों (पॉमग्रेनेट एरिल) का अमेरिका को निर्यात और अल्फाल्फा चारे तथा चेरी का अमेरिका से आयात भी इस साल अप्रैल से शुरू हो जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि 23 नवंबर, 2021 को हुई 12वीं भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच की बैठक के अनुरूप कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) ने ‘2 बनाम 2 कृषि बाजार पहुंच मुद्दों’ के क्रियान्वयन के लिए रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
समझौते के तहत निर्यात शुरू होगा
इस समझौते के तहत, आम, अनार और अनार के दानों के निरीक्षण एवं निगरानी तंत्र के तहत भारत से इनके निर्यात और अमेरिका की चेरी और अल्फाल्फा चारे के लिए भारत के बाजार में पहुंच देना शामिल है। मंत्रालय ने कहा, ‘आम और अनार का निर्यात जनवरी-फरवरी, 2022 में शुरू होगा और अनार के दानों का निर्यात अप्रैल, 2022 से आरंभ होगा।’ मंत्रालय ने बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने कहा है कि अमेरिका से आने वाले सुअर के मांस के लिए बाजार पहुंच देने की उसकी पूरी तैयारी है। व्यापार नीति मंच की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा हुई थी। भारत ने बीते दो वर्ष से अमेरिका को आम निर्यात नहीं किए हैं।
दिल्ली में बिकेगी अमेरिका की चेरी
एक ओर भारत अमेरिका को आम और अनार का निर्यात करेगा तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका की चेरी और अल्फाल्फा भारतीय बाजार में बिकेंगे। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका भारत के लिए एक प्रमुख बाजार है और इसकी पहुंच न केवल निर्यात को बढ़ावा देगी बल्कि आम उत्पादकों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य प्राप्त करने में भी मदद करेगी।
भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार
अमेरिका भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों का द्विपक्षीय कारोबार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। इस साझेदारी से दोनों देशों को फायदा मिलेगा और कारोबारी संबंध और मजबूत होंगे।