Gujarat panchayat election dahod sahada village voters stamp on the table

अहमदाबाद. गुजरात में पंचायत चुनाव (gujarat panchayat election) खत्म हो चुके हैं. परिणाम जारी होने के बाद जीते हुए उम्मीदवारों में जहां जश्न का माहौल है तो वहीं हारे हुए प्रत्याशी अगले चुनाव के इंतजार में हैं. इस बीच दाहोद जिले(Dahod Gujarat) से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां साहड़ा गांव में जो मामला सामने आया है वैसा शायद कभी किसी ने सुना, देखा या जाना होगा. यहां गांव वालों में जागरुकता की कमी के कारण महिला उम्मीदवार को सरपंच पद से हाथ धोना पड़ा. दाहोद के साहड़ा गांव में सरपंच पद के लिए दो महिला उम्मीदवारों के बीच काफी कड़ी जंग थी. इसमें से एक महिला उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह टेबल था. जाहिर सी बात है की उम्मीदवार ने अपने सभी समर्थकों को टेबल के चिन्ह पर मुहर मारने की हिदायत दी होगी.
हालांकि गांव के मतदाताओं ने बैलेट पेपर में टेबल के चिह्न पर मुहर लगाने की जगह पर वहां रखे टेबल पर ही मोहर लगा आए और खाली बैलेट पेपर ही बॉक्स में डाल दिया. मतगणना के दौरान ऐसे 198 खाली मतपत्र रद्द कर दिये गए. जिसका परिणाम यह रहा कि सरपंच के टेबल के निशान वाले महिला उमीदवार 31 वोट से हार गईं.
जीते हुए प्रत्याशी ने क्या कहा?
साहड़ा गांव मे 2655 मतदाताओं में से 2142 लोगों ने मतदान किया था. चुनाव में विजेता उम्मीदवार शकुंतलाबेन राठोड को 575 मत मिले थे, जबकि टेबल चुनाव चिन्ह वाली महिला उम्मीदवार कसमाबेन गणावा को 544 मत मिले थे. यदि मतदाताओं ने सही तरीके से मतदान किया होता तो शायद टेबल चिह्न वाली महिला उम्मीदवार जीत सकती थी.
हालांकि इस पर विजेता सरपंच का कहना है की टेबल पर मुहर लगने से वो जीते है ऐसा नही है. पिछली बार चुनाव मेंउनका भी निशान टेबल था और तब भी वो हारे थे. पिछले चुनाव मे भी उनके 219 वोट कैन्सिल हुए थे. हारने वाले उमीदवार अपनी हार स्वीकारने के बजाय टेबल को दोष दे रहे है. गुजरात मे ग्राम पंचायत के चुनाव के लीए 19 दिसंबर को मतदान हुआ था ओर 21 दिसंबर मतगणना हुई थी.
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