A decision of Modi government saved 200 crores in Jammu and Kashmir know how the 149 year old tradition changed

अमृता नायक दत्ता
श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर (jammu kashmir) प्रशासन के दरबार मूव के लंबे समय से चले आ रहे रिवाज को खत्म करने के फैसले से न केवल 200 करोड़ रुपए की बचत हुई है, वहीं फाइलों के निपटान की दर में बढ़ोतरी और उनकी ट्रैकिंग आसान हो गई है. इससे शासन सरल और आसान हो गया है. केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव अरुण मेहता ने यह जानकारी दी है. मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने बताया कि दरबार मूव की शुरुआत जम्मू के तत्कालीन डोगरा शासकों ने की थी. दरबार मूव एक 149 साल पुराना द्विवार्षिक कार्यक्रम था.
अरुण मेहता ने कहा कि इसमें सिविल सचिवालय और राज्य सरकार के अन्य कार्यालय, गर्मियों में जम्मू से श्रीनगर और सर्दियों में वापस जम्मू में स्थानांतरित हो जाते थे. ये बरसों पुरानी परंपरा इस साल की शुरुआत में आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गई. News18.com के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, 1988-बैच के IAS अधिकारी अरुण कुमार मेहता ने कहा कि यह केवल इसलिए संभव हुआ क्योंकि यह केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह से ई-फाइलों में तब्दील हो गया है और इस प्रकार सरकारी अधिकारी अब किसी स्थान से बंधे नहीं हैं.
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उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी भौतिक फाइलों के साथ जम्मू से श्रीनगर या दूसरी तरफ जाने की जरूरत नहीं है. हमारी सभी फाइलें ई-मोड में हैं. केवल कुछ संवेदनशील रिकॉर्ड को छोड़कर, जो कि मुख्य रूप से सुरक्षा मामलों से संबंधित हैं. मेहता ने कहा कि यहां फाइलों की निपटान दर अब 97 प्रतिशत है, जो डिजिटल मोड में आई बेहतर दक्षता का प्रमाण है. यह जानकारी केंद्र शासित प्रदेश द्वारा हाल ही में किए गए एक अभ्यास से जाहिर हुई है.
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शासन दक्षता कई गुना बढ़ गई
उन्होंने कहा कि इन ई-फाइलों ने आपको आधुनिक लीग में डाल दिया है और इसने शासन में बहुत बड़ा बदलाव किया है. पहले, जब दरबार प्रक्रिया थी तो दो महीने खराब हो जाते थे. लेकिन अब नई व्यवस्था से हम करीब 200 करोड़ रुपये बचा रहे हैं, शासन दक्षता कई गुना बढ़ गई है. पहले हर साल, फाइलों को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना पड़ता था और इस प्रक्रिया में कई फाइलें गुम हो जाती थीं. लेकिन नई व्यवस्था में किसी भी फाइल को तुरंत तलाश सकते हैं. जम्मू-कश्मीर में लागू किए जा रहे अन्य शासन सुधारों के बारे में मेहता ने कहा कि बजट अनुमान, आवंटन और निगरानी प्रणाली (बीईएएमएस) नामक एक संसाधन आवंटन प्रणाली लागू की गई है जो बड़ा गेम चेंजर साबित हुई है, इसके साथ वह पारदर्शिता लाती है.
हम अब देश में तीसरे नंबर पर
मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के शासन सुधारों ने सुनिश्चित किया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्रशासित प्रदेश द्वारा पूरी की गई विकास परियोजनाओं की संख्या 2018-19 में 9,229 से बढ़कर 21,943 हो गई है. उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, पीएम जीएसवाई के कार्यान्वयन में, हम अब देश में तीसरे नंबर पर हैं. आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में 3,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया. मेहता ने कहा कि हाल के महीनों में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए 10,000 भर्तियां पारदर्शी तरीके से की गईं हैं. योग्यता और किसी भी पक्षपात से परे होकर किए गए इस काम में प्रशासन ने 20,000 पदों का विज्ञापन दिया था, जिसमें से 10,831 का चयन किया गया.
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