विशेषज्ञों का बड़ा खुलासा, भारत में कोविड-19 का एक मामला दर्ज हुआ तो 30 का पता ही नहीं चला | Covid19 Fourth Sero Survey Shocking reveal of experts if one case of Covid19 was registered in India 30 were not detected– News18 Hindi

नई दिल्ली: स्वतंत्र महामारी विज्ञानी डॉ चंद्रकांत लहरिया द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के चौथे सीरो सर्वेक्षण (Sero Survey) के विश्लेषण में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 (Covid19) का एक मामला दर्ज होने के साथ 30 मामले ऐसे रहे जिनका पता नहीं चला या यह दर्ज नहीं हो पाया. लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ट्विटर पर यह विश्लेषण साझा किया जिसमें दिखाया गया कि भारत में प्रत्येक मामले पर कितने ऐसे मामले थे जिनका पता नहीं चला. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा जानबूझकर किया गया लेकिन यह रोग निगरानी प्रणाली के प्रदर्शन और मामलों से निपटने में राज्य के कदमों को दर्शाता है.
लहरिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कई मामले बिना लक्षण वाले थे जिससे उनका पता नहीं चला. अगर सही से मरीजों के संपर्क का पता किया जाता तो बिना लक्षण वाले मामलों का भी पता चल सकता था. यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि कुछ राज्यों ने दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है क्योंकि वे अन्य राज्यों की तुलना में अधिक मामले सामने ला पाए.’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को देश के 70 जिलों में आईसीएमआर द्वारा किए गए राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण के चौथे चरण के निष्कर्षों को साझा किया. मध्य प्रदेश 79 प्रतिशत सीरो उपस्थिति के साथ तालिका में सबसे आगे है वहीं 44.4 प्रतिशत के साथ केरल में सीरो की सबसे कम मौजूदगी मिली. इसके बाद 50.3 प्रतिशत के साथ असम और 58 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र का स्थान है.
विश्लेषण के मुताबिक प्रयोगशाला में कोविड-19 के एक मामले की पुष्टि के अनुपात में छह से 98 तक ऐसे मामले रहे जो दर्ज नहीं हो पाए. लहरिया के मुताबिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में मामले दर्ज नहीं हो पाए. उत्तर प्रदेश में एक मामला दर्ज हुआ तो 98 ऐसे मामले रहे जिनका पता नहीं चला. जबकि केरल में एक मामला दर्ज हुआ तो छह मामलों का पता ही नहीं चल पाया. उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ऐसा राज्य रहा जहां प्रत्येक मामला पर 83 मामले सामने नहीं आ पाए.
सीरो सर्वेक्षण में व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है. यह एंटीबॉडी या तो संक्रमण के जरिए या टीके के जरिए तैयार होती है. हालांकि, लहरिया ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर सर्वेक्षण एक अधिक सटीक तस्वीर प्रदान करेगा और सरकार को तत्काल इस तरह के सर्वेक्षण की योजना बनानी चाहिए.
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