क्या ताकतवर संगठन NATO का हिस्सा बनने वाला है भारत? अमेरिकी ऑफिसर ने दिया बड़ा बयान
India-America: दुनिया के 40 देशों की मिलिट्री वाले संगठन ‘नाटो‘ की ताकत को सभी जानते हैं। नॉर्थ अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो का सदस्य बनने को लेकर अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बड़ा बयान दिया है। इस अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत को नाटो के लिए खुला न्योता है। नॉर्थ अटलांटिक संधि संगठन ‘नाटो‘ संगठन में भारत के इसमें शामिल होने को अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि जूलियन स्मिथ ने इस पर पहली सार्वजनिक टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि गठबंधन भारत के साथ और ज्यादा बातचीत के लिए खुला है। मीडिया से चर्चा में स्मिथ ने इस बात की भी पुष्टि की कि दिल्ली में आयोजित सालाना रायसीना डॉयलाग्स के मौके पर नाटो और कुछ भारतीय अधिकारियों के बीच अनौपचारिक वार्ता हुई थी।
रायसीना डायलॉग्स में बातचीत
जूलियन स्मिथ ने कहा, ‘रायसीना डायलॉग से इतर कुछ आदान-प्रदान हुए हैं, जो एक शुरुआत है और बातचीत को थोड़ा खोल दिया है।‘ उन्होंने बताया कि यह संदेश पहले भी भारत को दिया जा चुका है कि नाटो गठबंधन के तौर पर निश्चित रूप से भारत के साथ और ज्यादा करीब होना चाहता है। नाटो में इस समय 40 देश जुड़े हैं। चार और पांच अप्रैल को ब्रसेल्स में नाटो देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और जापान को भी शामिल होने का आमंत्रण मिला है। हिंद प्रशांत क्षेत्र के ये चारों देश इस महागठबंधन के औपचारिक साझेदार हैं।
भारत को क्यों नहीं मिला बैठक के लिए न्यौdता, अफसर ने बताई यह वजह
जब स्मिथ से पूछा गया कि क्या भारत को भी इन बैठकों में शामिल होने और संगठन का सदस्य बनने का न्यौता मिला है? इस पर उन्होंने कहा, ‘भविष्य में भारत के शामिल होने के लिए नाटो का दरवाजा खुला है। लेकिन भारत की भी दिलचस्पी होनी चाहिए। जब तक भारत की रूचि के बारे में पता नहीं लगता है तब तक भारत को मंत्रिस्तरीय मीटिंग का इनवाइट नहीं मिल सकता है।‘ स्मिथ ने यह भी माना कि भारत एक मुक्त और खुले भारत प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जूलियन स्मिथ की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रूस यूक्रेन जंग जारी है और आसियान से लेकर भारत तक चीन की आक्रामकता के बारे में बात कर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह चीन की आक्रामकता का नतीजा है कि यूरोप से लेकर हिंद प्रशांत क्षेत्र तक में बड़े भू राजनीतिक बदलाव देखे जा रहे हैं। भारत को कई बार नाटो में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है लेकिन अभी तक इस पर भारत सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।