राष्ट्रीय
20 हजार रुपये लीटर का दूध पीता है 20 दिन का शिवा, जानें क्या है पूरा मामला…

जयपुर. यदि जीवन है तो उसको कोई नहीं छीन सकता, और ऐसा ही कुछ देखने में आया नन्हें पैंथर शिवा के साथ. करीब एक सप्ताह पहले शिवा अपनी मां से बिछड़ गया. रायसर गांव से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क को सूचना किली की एक नन्हा पैंथर अकेला है और काफी सहमा हुआ है. बॉयोलॉजिकल पार्क की टीम तत्काल मौके पर पहुंची. इसके बाद टीम ने एक रात रायसर में रुक कर शिवा की मां का इंतजार किया लेकिन वो नहीं आई. इसके बाद टीम उसे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले आई और उसके लालन पोषण की जिम्मेदारी उठाई.
पार्क में बने न्यूनेटल केयर यूनिट में शिवा की देखभाल डॉ. अरविंद माथुर कर रहे हैं. साथ ही 24 घंट केयर टेकर सुरेश और माधव शाव के साथ ही रहते हैं. खास बात ये है कि आज से एक सप्ताह पहले जब शिवा को लाया गया था तो उसकी आंख भी नहीं खुली थी लेकिन अब वह आराम से चल भी रहा है.
पार्क में बने न्यूनेटल केयर यूनिट में शिवा की देखभाल डॉ. अरविंद माथुर कर रहे हैं. साथ ही 24 घंट केयर टेकर सुरेश और माधव शाव के साथ ही रहते हैं. खास बात ये है कि आज से एक सप्ताह पहले जब शिवा को लाया गया था तो उसकी आंख भी नहीं खुली थी लेकिन अब वह आराम से चल भी रहा है.
कुपोषित होने का डर
मां का दूध न मिलने के चलते शिवा के कुपोषित होने का डर था. ऐसे में टीम ने उसे एक खास तरह का दूध देना शुरू किया. अब उसे अमेरिका से आने वाला करीब 20 हजार रुपये लीटर का पेटलैक किटन मिल्क रिप्लेसमेंट दिया जा रहा है. शिवा हर दो घंटे में दूध पीता है. गौरतलब है कि यही दूध पहले जयपुर और जोधपुर में लॉयन व टाइगर के शावकों को भी पिलाया गया था.
रास आया नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
नन्हे शिवा को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क रास आ गया है. पिछले एक सप्ताह में ही शिवा का वजन 500 ग्राम से बढ़करी 850 ग्राम हो गया है. डॉक्टर माथुर के अनुसार करीब 3 महीने का होने के बाद ही शिवा को कुछ खाने को दिया जाएगा, उससे पहले सिर्फ दूध ही उसकी खुराक रहेगी. साथ ही उसे बड़े होने तक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ही रखा जाएगा.