राष्ट्रीय

Sonia Gandhi Quitting Politics As Always know what her criptic speech means for Congress and UPA for 2024

नई दिल्ली. कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन में सोनिया गांधी के बतौर पार्टी अध्यक्ष 20 वर्षों के कार्यकाल और वर्ष 2004 में प्रधानमंत्री पद के ‘त्याग’ को दर्शाती एक भावनात्मक शॉट फिल्म दिखाई गई. इसके बाद जब वह भाषण के लिए खड़ी हुईं तो वहां मौजूद तमाम नेताओं ने खड़े होकर उनका स्वागत किया.

कांग्रेस महाधिवेशन के ये दृश्य कुछ बड़े सवाल खड़े करते हैं. क्या यह एक और बलिदान का समय है? क्या सोनिया गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी? क्या यह सक्रीय राजनीति से  सोनिया गांधी के संन्यास का ऐलान था?

यह सवाल इसलिए कि सोनिया गांधी ने अपने भाषण का अंत करते हुए कहा कि ‘यह मेरे लिए सबसे सुखद है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के साथ मेरी पारी का अंत हो सका.’

सोनिया गांधी के बयान से दो संकेत
हालांकि उनके इस बयान की दो तरह से व्याख्या की जा सकती है. एक तो यह कि वह यहां कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी पारी के अंत का जिक्र कर रही थीं. और दूसरा कि वह संकेत दे रही थीं  कि वह रायबरेली से 2024 का आम चुनाव नहीं लड़ेंगी. लेकिन फिर सवाल उठता है कि सोनिया गांधी नहीं तो कौन? यह 2019 में अमेठी से करारी हार के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनावी मैदान में उतरने या राहुल गांधी के यूपी लौटने की संभावना के दरवाज़े खोल सकता है.

ये भी पढ़ें- ‘चाहता हूं कि मेरे बच्चे हों…’, 52 साल की उम्र में क्यों अभी भी सिंगल हैं? राहुल गांधी ने खोला राज

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित News18 से कहते हैं, ‘इसका बस यही मतलब था कि बतौर अध्यक्ष उनकी पारी समाप्त हो गई, लेकिन यह एक विदाई भाषण की तरह लग रहा था. वह हमारे साथ बनी रहेंगी.’

लंबे समय से चल रही सियासत छोड़ने की अटकलें
वहीं जब मीडिया ने सोनिया गांधी से पूछा था कि उन्हें मल्लिकार्जुन खड़गे के उत्तराधिकारी बनने पर कैसा लगा तो उन्होंने चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान के साथ जवाब दिया था, ‘यह वही है, जिसका मैं लंबे समय से इंतजार कर रही थी.’

वहीं प्रियंका गांधी ने भी अक्सर कहा है कि उनकी मां आदर्श रूप से रिटायर होना चाहती हैं और शिमला के पास बनाए गए कॉटेज में वापस जाना चाहती हैं. लेकिन जिस तरह से भाग्य ने सोनिया गांधी को राजनीति में खींचा था, उसी तरह 2019 के चुनावों में हार के कारण अपने बेटे राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद उन्हें वापस से पार्टी की कमान संभालनी पड़ी. इस तरह सोनिया गांधी फिर से अंतरिम अध्यक्ष बनीं.

इतना आसान नहीं दिख रहा रिटायरमेंट
हालांकि इस बार सोनिया गांधी के लिए रिटायर होना आसान हो सकता है. इसकी दो वजहें दिखती हैं… एक तो पार्टी के पास नया अध्यक्ष है और दूसरा यह कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी 2024 में पार्टी की रणनीति का आधार होंगे.

हालांकि, सोनिया गांधी का सियासत से संन्यास चरणों में ही होगा. दरअसल सोनिया अभी भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष हैं और 2024 का लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ ही ममता बनर्जी जैसे अन्य विपक्षी नेताओं से गठबंधन को लेकर बातचीत का जिम्मा अब भी उनके ही कंधों पर दिखता है.

सोनिया गांधी की सियासत की पूर्ण संन्यास अभी वैसे भी नहीं दिख रहा, क्योंकि राहुल गांधी के साथ उन्हें भी कांग्रेस कार्य समिति (CWC) का स्थायी सदस्य बनाया गया है. इसका मतलब है कि पार्टी पर उनकी पकड़ बनी रहेगी. इसलिए भले ही यह एक विदाई भाषण की तरह लग रहा हो, लेकिन सोनिया गांधी के लिए यह अभी अलविदा कहने का वक्त नहीं हो सकता है.

Tags: Congress, Sonia Gandhi

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
VIVA99 adalah salah satu deretan daftar situs judi online terpercaya dan paling gacor yang ada di indonesia . VIVA99 situs agen judi online mempunyai banyak game judi slot online dengan jacpot besar, judi bola prediksi parlay, slot88, live casino jackpot terbesar winrate 89% . Mau raih untung dari game judi slot gacor 2022 terbaru? Buruan Daftar di Situs Judi Slot Online Terbaik dan Terpercaya no 1 Indonesia . VIVA99 adalah situs judi slot online dan agen judi online terbaik untuk daftar permainan populer togel online, slot88, slot gacor, judi bola, joker123 jackpot setiap hari