matter of becoming a judge of High Court Supreme Court dismisses petition of 4 judicial officers – हाई कोर्ट के जज बनने का मामला

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh) के चार न्यायिक अधिकारियों की याचिका को ‘कानूनी रूप से’ न टिकने योग्य करार देते हुए बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया, जिन्होंने दावा किया था कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नति की सिफारिश करते वक्त फास्ट ट्रैक अदालतों के पीठासीन अधिकारियों के रूप में उनकी सेवाओं पर उच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा विचार नहीं किया गया था.
सी यामिनी और तीन अन्य अधिकारियों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने शीर्ष अदालत के 2019 के एक फैसले पर भरोसा किया जिसमें यह कहा गया था कि वरिष्ठता का दावा कई कारकों पर निर्भर करेगा, जैसे ‘नियुक्ति की प्रकृति, नियम जिसके अनुसार नियुक्तियां की जाती हैं और जब नियुक्तियां की जाती हैं.’ शीर्ष अदालत ने तब कहा था कि जब न्यायिक अधिकारियों को तदर्थ नियुक्त किया जाता है, न कि किसी नियमित पद पर, ऐसी स्थिति में ‘वे फास्ट ट्रैक कोर्ट की अध्यक्षता करने के लिए अपनी तदर्थ नियुक्तियों के आधार पर वरिष्ठता का दावा नहीं कर सकते हैं.’
सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला, कहा- याचिका कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं
पीठ के लिए निर्णय लिखते हुए, न्यायमूर्ति रस्तोगी ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ताओं द्वारा फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में प्रदान की गई सेवाओं को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों को छोड़कर वरिष्ठता के उद्देश्य से मान्यता नहीं दी गई है, इसलिए याचिकाकर्ताओं की याचिका संविधान के अनुच्छेद 217 (2) (ए) के दायरे में कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है.
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Tags: Andhra Pradesh, High Court Judge, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : February 24, 2023, 00:04 IST