A piece of cigarette solved the 52 year old murder mystery in America know how it was revealed । सिगरेट के एक टुकड़े ने अमेरिका में सुलझा दी 52 वर्ष पुराने हत्याकांड की गुत्थी, जानें कैसे हुआ खुलासा
नई दिल्लीः क्या आप सोच भी सकते हैं कि सिगरेट के एक टुकड़ा भी हत्यारे की पहचान बता सकता है और वह भी 52 वर्ष बाद?…शायद नहीं, लेकिन अमेरिका में यह सच हुआ है। अमेरिका में सिगरेट के एक छोटे टुकड़े (टोटे) ने 52 वर्ष पहले हुए हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा दिया है। वाशिंगटन पुलिस की यह इन्वेस्टिगेशन थ्योरी अब पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय बन गई है। अभी तक अमेरिका में यह हत्याकांड सबसे अधिक रहस्यमई बना हुआ था। इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि हत्या की यह गुत्थी कभी सुलझ सकती है। दरअसल हत्यारा इतना शातिर था कि उसने वाशिंगटन पुलिस के लिए कोई भी सुबूत नहीं छोड़ा था। मगर जांच कर्ताओं ने सिगरेट के एक छोटे टुकड़े के सहारे इन्वेस्टीगेशन करते-करते हत्यारे के गिरेबान तक पहुंच गए। इस केस के सुलझने के बाद से ही पूरी दुनिया में वाशिंगटन पुलिस की वाहवाही हो रही है। आइए आपको भी बताते हैं कि पूरा मामला क्या था ?
24 वर्षीय शिक्षिका की हत्या 52 वर्षों से बनी थी अबूझ पहेली
अमेरिका में लगभग 52 साल पहले वरमोंट स्कूल की 24-वर्षीया शिक्षिका की किसी अज्ञात शख्स ने हत्या कर दी थी। मगर हत्यारे ने कोई सुबूत नहीं छोड़ा था। कई वर्षों तक इसकी जांच के बाद भी कोई सुराग पुलिस को हाथ नहीं लग रहा था। मगर शिक्षिका के शव के पास पड़े सिगरेट के एक टुकड़े के सहारे जब पुलिस ने जांच शुरू की तो हत्यारे तक पहुंचने का रास्ता खुलता गया। यह सिगरेट का टुकड़ा शिक्षिका के अपार्टमेंट से बरामद हुआ था, जिसने जांचकर्ताओं को उसी मकान में ऊपर के फ्लैट में रहने वाले पड़ोसी तक पहुंचने में मदद की। जांचकर्ताओं ने कहा कि पड़ोसी ने अपनी पत्नी के साथ झगड़े के बाद शिक्षिका का गला घोंट दिया था। मगर पुलिस जब तक हत्यारे तक पहुंचती कि इससे कई वर्ष पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।
सिगरेट के टोटे की पुलिस ने कराई डीएनए जांच
बर्लिंगटन पुलिस द्वारा बरामद सिगरेट के टोटे की डीएनए जांच ने जांचकर्ताओं को हत्यारों तक पहुंचा ही दिया। जांच अधिकारियों का दावा है कि 1971 में जुलाई की एक रात को 70 मिनट की अवधि के दौरान रीरा कूरन नामक शिक्षिका की हत्या कर दी गई थी। विलियम डीरूस के रूप में पहचाने जाने वाले संदिग्ध ने उस रात अपने अपार्टमेंट को “कूल डाउन वॉक” के लिए छोड़ा था। वह उस समय 31 वर्ष के थे। टहलकर लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी से दो सप्ताह तक किसी को यह न कहने के लिए आगाह किया था कि वह उस रात बाहर गया था।
कूरन की मृत्यु के बाद डीरूस थाईलैंड चला गया और भिक्षु बन गया, लेकिन बाद में वह फिर अमेरिका लौट आया। पुलिस ने कहा कि 1986 में सान फ्रांसिस्को में मादक पदार्थों की अधिक मात्रा लेने के कारण डीरूस की मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कि मरने से पहले कूरन ने जमकर विरोध किया था, लेकिन उसका गला घोंट दिया गया। इस हत्या ने बर्लिंगटन को हिला कर रख दिया था। इस मामले में एकमात्र महत्वपूर्ण सबूत एक सिगरेट का टोटा था, जो कूरन के शरीर के पास पाया गया था।
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