Constitution supreme statements of individuals cant lower supreme courts credibility court – संविधान सर्वोच्च, व्यक्तियों के बयानों से सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता कम नहीं हो सकती

हाइलाइट्स
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा- संविधान सर्वोच्च और सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता शिखर पर
व्यक्तियों के बयान नुकसान नहीं पहुंचा सकते, प्रत्येक नागरिक संविधान से बंधा है
बॉम्बे अधिवक्ता संघ (बीएलए) की ओर से दायर याचिका खारिज
मुंबई. बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने मंगलवार को कहा कि संविधान सर्वोच्च और अनुल्लंघनीय है और उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की विश्वसनीयता शिखर पर है जिसे व्यक्तियों के बयान नुकसान नहीं पहुंचा सकते. उच्च न्यायालय ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम प्रणाली और न्यायपालिका के खिलाफ रिजिजू और धनखड़ की टिप्पणियों को लेकर यह याचिका दायर की गई थी.
खंडपीठ के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस वी गंगापुरवाला और जस्टिस संदीप मार्ने ने नौ फरवरी को बॉम्बे अधिवक्ता संघ (बीएलए) की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी थी. इस फैसले का विस्तृत ब्योरा मंगलवार को उपलब्ध कराया गया. पीठ ने उच्चतम न्यायालय की विश्वसनीयता को शिखर पर बताते हुए कहा, ‘उच्चतम न्यायालय की विश्वसनीयता को व्यक्तियों के बयान नुकसान नहीं पहुंचा सकते. भारत का संविधान सर्वोच्च और अनुल्लंघनीय है. भारत का प्रत्येक नागरिक संविधान से बंधा है और उससे संवैधानिक मूल्यों के पालन की अपेक्षा की जाती है.’
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Tags: Bombay high court, Constitution of India, Supreme Court, सुप्रीम कोर्ट
FIRST PUBLISHED : February 22, 2023, 00:12 IST