18 to 25 year old youth became first choice for job, Ministry of Labor gave this important information| नौकरी के लिए 18 से 25 साल के युवा बने पहली पसंद, श्रम मंत्रालय ने दी यह अहम जानकारी
कंपनियों में नौकरी के लिए 18 से 25 साल के युवा पहली पसंद बन गए हैं। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। ईपीएफओ पे रोल आंकड़े के अनुसार, ईपीएफओ द्वारा दिसंबर, 2022 में जोड़े गए 14.93 लाख नए सदस्यों में से 8.02 लाख पहली बार इस सामाजिक सुरक्षा के तहत आए हैं। नए जुड़े सदस्यों में सबसे अधिक 2.39 लाख 18 से 21 साल के आयु वर्ग के हैं। 22 से 25 साल के आयु वर्ग में 2.08 लाख नए सदस्य जोड़े गए। कुल नए सदस्यों में से 55.64 प्रतिशत 18 से 25 साल आयु वर्ग के हैं। इससे पता चलता है कि कंपनियां नई भर्तियों में युवा को तरजीह दे रहे हैं।
दिसंबर में 14.93 लाख नए सदस्य जोड़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने दिसंबर, 2022 में शुद्ध रूप से 14.93 लाख नए सदस्य जोड़े हैं। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह दो प्रतिशत अधिक है। श्रम मंत्रालय ने यह जानकारी दी। ईपीएफओ के शुरुआती पेरोल आंकड़े सोमवार को जारी किए गए। इन आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर, 2022 में सदस्यों की संख्या में 14.93 लाख का इजाफा हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि यदि पिछले साल के समान महीने से तुलना की जाए, तो दिसंबर, 2022 में इससे पिछले साल के समान महीने की तुलना में सदस्यों की संख्या 32,635 अधिक बढ़ी है। श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के पेरोल आंकड़े भी जारी किए हैं। इनसे पता चलता है कि दिसंबर, 2022 में ईएसआईसी के साथ 18.03 लाख नए कर्मचारी जुड़े हैं। सालाना आधार पर तुलना करने पर पता चलता है कि दिसंबर, 2022 में दिसंबर, 2021 की तुलना में ईएसआई योजना में अंशदान देने वाले कर्मचारियों की संख्या 14.52 लाख अधिक रही है।
ईपीएफओ न्यासियों ने चिंता जताई
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के न्यासियों ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का ब्याज कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में अभी तक नहीं डालने पर चिंता जताई है। हालांकि, संबंधित वित्त वर्ष के लिए ब्याज को पिछले साल जून में अनुमोदित कर दिया गया था। न्यासियों या ट्रस्टियों में कर्मचारियों के साथ नियोक्ताओं के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अगुवाई वाले ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने मार्च, 2022 में 2021-22 के लिए 8.1 प्रतिशत के ब्याज को मंजूरी दी थी। यह पिछले चार दशकों की सबसे निचली दर है।