स्कूली शिक्षा, छात्र शिक्षक अनुपात, लड़कियों के नामांकन दर में सुधार दर्ज किया गया: रिपोर्ट

शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, 2019-20 में पूर्व-प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक स्कूली शिक्षा में कुल छात्रों की संख्या 26.45 करोड़ के पार पहुंच गई. यह 2018-19 की तुलना में 42.3 लाख अधिक है. यूडीआईएसई+ 2019-20 रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सकल नामांकन अनुपात में 2018-19 की तुलना में सुधार हुआ है. स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर) में भी सुधार हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक लड़कियों का नामांकन 12.08 करोड़ से अधिक है. इसमें 2018-19 की तुलना में 14.08 लाख की भारी वृद्धि हुई है. इसमें कहा गया है कि 2012-13 और 2019-20 के बीच, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक दोनों स्तरों पर लिंग समानता सूचकांक (जीपीआई) में सुधार हुआ है.
वर्ष 2019-20 में स्कूलों में हुए अनेक सुधार
मंत्रालय के अनुसार, यूडीआईएसई+ रिपोर्ट से पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में बिजली, कंप्यूटर, इंटरनेट सुविधा वाले स्कूलों की संख्या में उल्लेखनीय सुधार का पता चलता है. इसमें कहा गया है कि हाथ धोने की सुविधा वाले स्कूलों की संख्या में एक और बड़ा सुधार देखा गया है. वर्ष 2019-20 में, भारत में 90 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा थी, जबकि 2012-13 में यह आंकड़ा केवल 36.3 प्रतिशत था.
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इसमें कहा गया है कि 2012-13 और 2019-20 के बीच उच्च माध्यमिक में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में 11 प्रतिशत से अधिक का सुधार हुआ है. उच्च माध्यमिक के लिए जीईआर 2012-13 के 40.1 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 में 51.4 प्रतिशत हो गया. रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में 96.87 लाख शिक्षक स्कूली शिक्षा में लगे थे. यह 2018-19 की तुलना में लगभग 2.57 लाख अधिक है.
इसमें कहा गया है कि चालू कंप्यूटर वाले स्कूलों की संख्या 2019-20 में बढ़कर 5.2 लाख हो गई, जो 2018-19 में 4.7 लाख थी. इंटरनेट सुविधा वाले स्कूलों की संख्या 2018-19 में 2.9 लाख से बढ़कर 2019-20 में 3.36 लाख हो गई. बयान के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में 83 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में बिजली थी, जो पिछले वर्ष 2018-19 की तुलना में लगभग 7 प्रतिशत अधिक है. 2012-13 में करीब 54.6 प्रतिशत स्कूलों में बिजली थी.
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