EXPLAINER: जानें क्या है ICICI-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस, जिसमें चंदा कोचर के बाद अब गिरफ्तार हुए वेणुगोपाल धूत

हाइलाइट्स
‘आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड’ केस में जबरदस्त बवाल
3250 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में सीबीआई कसती जा रही शिकंजा
चंदा कोचर और उनके पति पर वीडियोकॉन ग्रुप से लाभ लेने का आरोप
मुंबई. ‘आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड’ केस में सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया. इस केस में इससे पहले सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. इन दोनों की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद सीबीआई ने मुंबई में 71 साल के धूत पर शिकंजा कस दिया. इनके अलावा सीबीआई ने साल 2019 की एफआईआर में नूपावर रिन्युएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी आरोपी बनाया था. इन सभी पर आपराधिक षडयंत्र करने और भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
सीबीआई का दावा है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को 3250 करोड़ का लोन दिया. इन कंपनियों को वेणुगोपाल धूत ही संचालित करते हैं. इस लोन को पास करने में बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, आरबीआई की गाइडलाइन और बैंक की क्रेडिट पॉलिसी को ताक पर रख दिया गया. एफआईआर के मुताबिक, ये लोन पास होने के बाद धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट के जरिये नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया. बता दें, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को चंदा कोचर के पति दीपक कोचर संचालित करते हैं. यह निवेश साल 2010 से 2012 के बीच किया गया. वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर ने बड़ी चालाकी से नूपावर रिन्यूएबल्स और सुप्रीम एनर्जी की ऑनरशिप ट्रांसफर की.
घोटाले में यह है चंदा कोचर की भूमिका
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही साल 2019 में चंदा कोचर को आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ पद से हटा दिया गया. इससे पहले ईडी ने दावा किया था कि चंदा कोचर ने ही वीडियोकॉन को इतना बड़ा लोन दिया. इस लोन को पास करते वक्त उन्होंने बैंक की पॉलिसी का खुलेआम उल्लंघन किया. दावा है कि इस लोन को पास करने के एवज में वीडियोकॉन ने दीपक कोचर की कंपनी नूपावर रिन्यूएबल्स में निवेश किया. शुरुआती जांच में सीबीआई को पता चला कि वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को 1875 करोड़ रुपये के 6 लोन दिए गए. यह लोन जून 2009 से अक्टूबर 2011 के बीच दिए गए. इसमें आईसीआईसीआई बैंक की पॉलिसी का स्पष्ट उल्लंघन किया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि साल 2012 में यह लोन NPA घोषित कर दिए गए. इससे बैंक को 1730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सीबीआई और ईडी के अलावा इस तरह के आरोप सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस सहित कई एजेंसियों ने लगाए.
पद्म भूषण चंदा कोचर को लेकर इसलिए मचा जमकर बवाल
बता दें, इस मामले ने साल 2019 में जमकर बवाल मचाया. चारों ओर ‘आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड’ केस की ही चर्चा हो रही थी. क्योंकि, इसमें 59 साल की उस चंदा कोचर का नाम उछला था जिसे साल 2011 में भारत का सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण दिया गया था. बवाल इसलिए भी मचा क्योंकि, चंदा कोचर फोर्ब्स इंटरनेशन की ‘विश्व की 100 शक्तिशाली महिलाओं’ में शामिल थीं. वह लगातार 7 साल लिस्ट में रहीं. टाइम्स मैगेजीन ने साल 2015 में उन्हें ‘विश्व की 100 प्रभावशाली शख्सियतों’ में शामिल किया. साल 2019 में ईडी ने कोचर पति-पत्नी, वेणुगोपाल धूत और अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया.
सीबीआई ने चंदा पर लगाया यह आरोप
सीबीआई का दावा है कि बैंक की एक कमेटि ने वीडियोकॉन ग्रुप को करोड़ों रुपये का लोन दिया. इस कमेटि में भी चंदा कोचर थीं. सीबीआई के मुताबिक, चंदा कोचर ने अपने पद और रसूख का फायदा उठाया. उन्होंने धूत से उनके पति की कंपनी में निवेश कराकर अनुचित लाभ लिया. हालांकि, चंदा कोचर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार और गलत बताया. उन्होंने कहा, मैं बार-बार कह रही हूं कि बैंक में लोन को लेकर एक तरफा निर्णय नहीं लिए जा सकते. संस्थान की नीति इस तरह की है कि आप व्यक्तिगत लाभ नहीं ले सकते.
बैंक के शेयर पर पड़ा जबरदस्त असर
बता दें, चंदा कोचर ने 1984 में आईसीआईसीआई बैंक में काम करना शुरू किया था. वह काम करती गईं और साल 2009 में बैंक की एमडी और सीईओ बनीं. साल 2018 में उन्होंने पद से इस्तीफा दिया. उनके इस्तीफे के वक्त आईसीआईसीआई बैंक का स्टॉक बढ़कर करीब 6 फीसदी हो गया. 28 जनवरी 2019 को बैंक के शेयर 4 फीसदी तक गिर गए. इनमें सात हफ्तों की सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई और यह 341.65 रुपये तक पहुंच गए. यह उस घटना के बाद हुआ जब सीबाआई ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मामला दर्ज किया. 23 दिसंबर 2022 को बैंक के शेयर 1.26 फीसदी गिरावट के साथ 879.20 रुपये पर बंद हुए.
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Tags: CBI, CICI Bank CEO and Managing Director Chanda Kochhar, Scam
FIRST PUBLISHED : December 26, 2022, 17:00 IST