Yearender 2022 worst Natural disasters of the year around the world । 2022 रहा प्राकृतिक आपदाओं का साल, इस वर्ष दुनिया ने देखी ये त्रासदियां


त्रासदियों से भरा रहा साल 2022
Natural Disasters 2022: साल 2022 त्रासदियों से भरा साल निकला। इस वर्ष देश-दुनिया में जंगल की आग से लेकर बाढ़ और भूकंप जैसी घटनाएं होती रहीं। इस सब का जिम्मेदार जलवायु परिवर्तन है जिसके कारण बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिलीं और आगे भी मिलती रहेंगी। 2022 की सबसे भयानक आपदाएं भारत और नाइजीरिया में बाढ़ से लेकर, युगांडा में सूखे और अफगानिस्तान में भूकंप तक फैली हुई हैं।
आइये नजर डालते हैं साल 2022 की 10 ‘सबसे घातक’ प्राकृतिक आपदाओं पर:
1. अफगानिस्तान बाढ़
अगस्त में अफगानिस्तान में आई बाढ़ और भूस्खलन
अगस्त 2022 के पूरे महीने में अफगानिस्तान ने बेमौसम भारी वर्षा की मार झेली। बेमौसम गिरी ये बारिश इस देश के लिए विनाशकारी साबित हुई। अफगानिस्तान में आई इस बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 182 लोगों की जान चली गई। इतना ही नहीं दो महीने पहले ही अफगानिस्तान ने भूकंप की भी मार झेली जिसके बाद देश के तालिबान नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता मांगी है।
पूर्वी अफ्रीका का एक बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में
2. पूर्वी अफ्रीका में पड़ा सूखा
पूर्वी अफ्रीका का अधिकांश हिस्सा भयानक सूखे की चपेट में है। ये सूखा इतना भयानक है कि संयुक्त राष्ट्र ने इसे “चालीस से अधिक सालों में सबसे खराब सूखा” करार दिया है। इस सूके की वजह से लाखों लोगों के ऊपर भुखमरी का खतरा मडरा रहा है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों अधिकारियों के आंकड़े अलग-अलग हैं, लेकिन इन आंकड़ों के मुताबिक अकेले पूर्वोत्तर युगांडा में भुखमरी से मरने वालों की संख्या 200 से ऊपर है। कुछ अनुमान बताते हैं कि सूखे के वर्तमान हालात इतने भयावह हैं कि प्रत्येक 36 सेकंड में एक व्यक्ति की जान जा रही है। यूरोपीय आयोग का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में फसल के उत्पादन में कमी के साथ, कुपोषण के उच्च स्तर के 2023 तक बने रहने की उम्मीद है।
ब्राजील के पेट्रोपोलिस शहर में बारिश से भूस्खलन
3. ब्राजील भूस्खलन
साल 2022 शुरू होने के दो महीने बाद ही ब्राजील के पेट्रोपोलिस शहर में बेहिसाब बारिश हुई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पहाड़ी शहर में बाढ़ का पानी और जमीन धंसने से कम से कम 233 लोगों की जान चली गई। कभी देश के शाही काल के दौरान ब्राजील के सम्राटों के लिए पसंदीदा ग्रीष्मकालीन निवास, पेट्रोपोलिस ने अब पिछले कुछ महीनों को विनाशकारी बाढ़ से उबरने में बिताया है।
इंडोनेशिया के सियानजुर शहर में 5.6 तीव्रता का भूकंप
4. इंडोनेशिया भूकंप
इस साल 21 नवंबर को पश्चिमी इंडोनेशिया के सियानजुर शहर में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें कम से कम 334 लोग मारे गए थे। पैसिफिक “रिंग ऑफ फायर” में इसकी पोजिशन के कारण, जहां टैकटोनिक टकराव आम हैं, इंडोनेशिया में भूकंप अक्सर आते रहते हैं।
असम में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही
5. असम की बाढ़
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत के जून से सितंबर मानसून के मौसम में, पिछले साल की तरह, औसत से अधिक बारिश हुई। इससे सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में पूर्वोत्तर राज्य असम रहा, जहां बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 192 लोग मारे गए। ब्रह्मपुत्र नदी आमतौर पर हमेशा ही अपना रास्ता बदलती है और खेतों और गांवों को अपने अंदर ले लेती है, लेकिन हाल के वर्षों में इस नदी के विनाश की आवृत्ति और गंभीरता में वृद्धि हुई है।
दक्षिण अफ्रीका की बाढ़ में 70 से अधिक लोग अभी भी लापता
6. दक्षिण अफ़्रीकी बाढ़
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल की शुरुआत में, दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप के इलाकों में भारी बारिश हुई। इन इलाकों में देश के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले शहर, डरबन के कुछ हिस्से रहे जहां बाढ़ और भूस्खलन की मार पड़ी। इस विनाशकारी आपदा में अनुमानित 461 लोगों की मौत हो गई। इस त्रासदी के महीनों बाद, 70 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं और हजारों स्थायी आवास के बगैर भटक रहे हैं।
पाकिस्तान में हजारों घरों को बहा ले गई बाढ़
7. पाकिस्तान बाढ़
साल 2022 की जून से अक्टूबर के बीच, अबतक की सबसे भयानक बाढ़ पाकिस्तान में हजारों घरों को बहा ले गई और कम से कम 1,739 लोगों की जान ले ली। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ का पानी पूरी तरह से उतरने में अभी 6 महीने तक का समय लग सकता है।
सोमालिया में 40 सालों का सबसे लंबा सूखा
8. सोमालिया का सूखा
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां सोमालिया को भविष्य के जलवायु प्रभावों के खिलाफ मजबूत करने और मौजूदा अकाल- सूखे जैसे संकटों से लड़ने में मदद करने के लिए और अधिक खर्च करने का आह्वान कर रही हैं। सोमालिया में 40 सालों के सबसे लंबे सूखे के कारण पड़ने वाला अकाल, लोगों की आजीविका को नष्ट कर रहा है और गंभीर भूख का सामना कर रहे 7.1 मिलियन लोगों की जान बन आई है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से संकट के जवाब में अब तक की मानवीय सहायता में वृद्धि ने बद्तर हालात होने से रोका है।
कांगो की बाढ़ में सैंकड़ों की गई जान
9. कांगो बाढ़
कांगो की राजधानी किंशासा में व्यापक बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 140 से ऊपर है। कई लोग अभी भी लापता हैं लेकिन सरकार को उम्मीद नहीं है कि कोई भी जिंदा मिलेगा। कांगो के स्वास्थ्य मंत्री लिसा नेम्बालेम्बा ने मीडिया को बताया, “किसी के जीवित बचने की कोई उम्मीद नहीं है।”
मौना लोआ ज्वालामुखी का बहता लावा
10. हवाई का ज्वालामुखी विस्फोट
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने घोषणा की कि दो सक्रिय हवाई ज्वालामुखी – एक जहां लावा ने 2018 में सैकड़ों घरों को नष्ट कर दिया था और दूसरा जहां लावा हाल ही में एक महत्वपूर्ण बड़े द्वीप राजमार्ग तक पहुंचने से पहले रुक गया था – का विस्फोट होना बंद हो गया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के हवाई ज्वालामुखी वेधशाला ने दो अलग-अलग बयान में कहा कि किलाउआ और मौना लोआ अब नहीं फूट रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखी मौना लोआ ने 38 साल तक शांत रहने के बाद इस साल 27 नवंबर को लावा उगलना शुरू कर दिया।