सऊदी अरब ने दिया शी जिनपिंग को लेकर दिया ये बड़ा बयान, अमेरिका हैरान
Saudi Arabia’s Big Statement On Xi Jinping: सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान अब्दुल अजिज अल साउद ने राजा सलमान बिन अब्दुल अजिज अलसाउड की ओर से शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ में बड़ा बयान देकर अमेरिका में भी खलबली मचा दी है। युवराज मुहम्मद बिन सलमान के अनुसार अब चीन में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता आ गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दुनिया कई जोखिमों और चुनौतियों का सामना कर रही है और विभिन्न पक्षों को उनसे निपटने के लिए एकजुट होने की जरूरत है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बुद्धिमान नेतृत्व में चीन ने महान विकास उपलब्धियां हासिल की हैं और वैश्विक शासन का नेतृत्व करने वाली एक महत्वपूर्ण उन्नत शक्ति बन गयी है।
जीसीसी देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग में प्राप्त बड़ी उपलब्धियों की भूरी भूरी प्रशंसा की और चीन की वैश्विक विकास पहल और क्षेत्रीय मुद्दों के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने में इसके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। जीसीसी देशों ने चीन के साथ सहयोग को आगे बढ़ाने की आशा व्यक्त की। स्थानीय समय के अनुसार 9 दिसंबर को दोपहर बाद पहला चीन-खाड़ी सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन रियाद में आयोजित हुआ। शिखर सम्मेलन ने चीन-खाड़ी सहयोग परिषद रणनीतिक साझेदारी संबंध को स्थापित करने और मजबूत करने का निर्णय लिया। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इसमें भाग लिया और अतीत को आगे बढ़ाएं और संयुक्त रूप से चीन-खाड़ी सहयोग परिषद संबंधों के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाएं शीर्षक पर भाषण दिया।
जिनपिंग ने कहा खाड़ी देशों से चीन का दो हजार वर्ष पुराना संबंध
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और जीसीसी देशों के बीच लगभग दो हजार वर्षों के मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान का इतिहास है। चीन जीसीसी देशों की एकता और आत्म-सुधार की प्रशंसा करता है और मध्य पूर्व की खाड़ी में सबसे गतिशील क्षेत्रीय संगठन बनने के लिए जीसीसी को बढ़ावा देता है। हमें चीन-जीसीसी देशों मित्रता की परंपरा को जारी रखना चाहिए और दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी संबंधों के अवसर पर चीन- जीसीसी देशों के बीच संबंधों के रणनीतिक अर्थ को समृद्ध करना चाहिए।
शी चिनफिंग ने इस पर जोर दिया कि भावी 3 से 5 वर्षों में चीन इन प्रमुख सहयोग क्षेत्रों में जीसीसी देशों के साथ प्रयास करना चाहता है। पहला त्रि-आयामी ऊर्जा सहयोग का एक नया पैटर्न बनाएं। दूसरा, वित्तीय निवेश सहयोग में नई प्रगति को बढ़ावा दें। तीसरा, नवाचार और प्रौद्योगिकी सहयोग के नए क्षेत्रों का विस्तार करें। चौथा, एयरोस्पेस सहयोग में नई सफलता हासिल करें। पांचवां, भाषा और सांस्कृतिक सहयोग में नई हाइलाइट्स बनाएं।