चीन का नया चैलेंजर्स बना कनाडा, हिंद-प्रशांत महासागर में ड्रैगन की राह होगी मुश्किल
Canada Becomes China’s new Challenging Country: दक्षिण चीन सागर में दादागीरी दिखाने वाले चीन को अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के अलावा एक और नया चैलेंजर्स मिल गया है। इससे चीन की चुनौती बढ़ गई है। इंडोनेशिया के बाली में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के बीच बहस होने का मामला सामने आने के बाद से ही दोनों देशों में तल्खी बढ़ना तय माना जा रहा था। अब कनाडा ने खुलकर हिंद-प्रशांत महासागर में चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कनाडा ने इंडो-पैसिफिक के लिए जारी अपनी स्ट्रैटजी में कहा है कि चीन अपने हित साधने के लिए कभी भी नियमों को तोड़ने से पीछे नहीं हटेगा। कनाडा ने माना है कि चीन एक बड़ी सामाजिक और आर्थिक शक्ति है। कनाडा ने चीन को दुनिया के मंच पर वैश्विक विघटनकारी देश करार दिया है। कनाडा ने कहा है कि चीन ने जलवायु परिवर्तन से लेकर, परमाणु अप्रसार, ग्लोबल हेल्थ, बायोडायवर्सिटी जैसे मुद्दों पर बड़ा खतरा पूरी दुनिया के लिए पैदा किया है। बावजूद वह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी विदेश नीति के जरिये व्यापार को अधिक बढ़ावा देने का इच्छुक है।
इंडो-पैसिफिक रिजन में कनाडा करेगा बड़ा निवेश
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में 1.7 अरब डॉलर का बड़ा निवेश करना चाहते हैं। ताकि इस क्षेत्र में कनाडा की सैन्य क्षमता और साइबर सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। इससे समुद्री व्यापार में आसानी और सुरक्षा दोनों रहेगी। कनाडा मानता है कि चीन अपने हितों और मूल्यों की रक्षा के हिसाब से इंडो-पैसिफिक में माहौल बनाना चाहता है, मगर कनाडा के विचार उससे बिलकुल अलग हैं।
चीन की चाल पर कनाडा की नजर
कनाडा अब चीन की चाल को समझ चुका है। इसलिए वह उसकी हर गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखना चाहता है। इसके लिए वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को धमाकेदार अंदाज में दर्ज कराना चाहता है। अपनी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की रक्षा के लिए कनाडा फॉरेन इन्वेस्टमेंट से भी पीछे नहीं हटेगा। कनाडा ने अपनी स्ट्रैटजी में बताया कि पहले जिन अंतरराष्ट्रीय नियम-कानूनों के जरिये चीन का प्रादुर्भाव हुआ था, उसे ही ड्रैगन अब नजरंदाज कर रहा है। चीन की इस मंशा का इंडो-पैसिफिक रिजन पर गहरा असर पड़ा है। चीन का मकसद पूरे क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम करना है। इससे माहौल बिगड़ रहा है। महाशक्ति बनने के लिए चीन अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के साथ ही साथ, एडवांस तकनीकियों और आर्थिक व कूटनीतिक प्रभावों पर अच्छा-खासा निवेश कर रहा है। मगर कनाडा की अब उन सब पर नजर है।