अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान में होगा घमासान! सरकार की चेतावनी के बावजूद आज रावलपिंडी में बड़ी रैली निकालेंगे इमरान खान-Pakistan former pm imran khan long march in rawalpindi pakistani army pmln government

रावलपिंडी में रैली निकालेंगे इमरान खान- India TV Hindi
Image Source : AP
रावलपिंडी में रैली निकालेंगे इमरान खान

पाकिस्तान में नए सेना अध्यक्ष की नियुक्त के बाद सत्ताधारी गठबंधन सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच घमासान में कमी देखने को मिल सकती है। लेकिन ऐसा ही हो, ये कहा नहीं जा सकता। क्योंकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा आयोजित विशाल रैली के लिए शुक्रवार को जोर-शोर के साथ तैयारियां की गईं। सरकार ने चेतावनी दी है कि पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस रैली को संबोधित नहीं करना चाहिए क्योंकि उनकी जान को खतरा है। तीन नवंबर को हुई गोलीबारी की घटना में घायल हुए खान अभी चोट से उबर रहे हैं, लेकिन वह शनिवार को रावलपिंडी में अपने समर्थकों को संबोधित करने के लिए तैयार हैं। 

खान ने कहा है कि नए सिरे से आम चुनाव की मांग को लेकर उनकी पार्टी ‘पीटीआई’ का रावलपिंडी में होने वाला विरोध प्रदर्शन “पूरी तरह से शांतिपूर्ण” रहेगा। गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि खान की जान को खतरा है। उन्होंने खान से रैली स्थगित करने का आग्रह किया। रैली की सुरक्षा के सिलसिले में वरिष्ठ पुलिस और अन्य अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सनाउल्ला ने मीडिया से कहा, “रैली का कोई तुक नहीं है और उन्हें इसमें शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि उनकी जान को खतरा है।” उन्होंने कहा, “मैंने एक बैठक में समीक्षा की है और सभी खुफिया एजेंसियों ने मुझे सतर्क किया है कि कोई भी आतंकवादी संगठन इस मार्च का फायदा उठा सकता है। खुद इमरान को भी खतरा है।”

दूसरी तरफ पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने पर्दे के पीछे खान और उनकी पार्टी से बातचीत करने के लिए तैयारियां की हैं। हालांकि पार्टी का कहना है कि जल्दी चुनाव कराने की मांग के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। लेकिन अगर सूत्रों की मानें, तो पीटीआई को बातचीत की टेबल पर लाना पीएमएल-एन और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सर्वोत्तम हित में है। ये जानकारी ऐसे समय में सामने आई है, जब गुरुवार को सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर ने प्रधानमंत्री शरीफ से मुलाकात की है।

रावलपिंडी में है सेना का बेस

26 नवंबर को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के प्रमुख इमरान खान अपने समर्थकों के साथ उसी रावलपिंडी तक लॉन्ग मार्च निकालेंगे जो सेना का गढ़ है। इमरान ने उन खुफिया रिपोर्ट्स के बावजूद इस मार्च को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, जिनमें उनकी जान को खतरा बताया गया है। खान की मानें तो वह हर खतरे के बावजूद रावलपिंडी पहुंच कर रहेंगे। पूर्व पीएम को नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की चिंता नहीं है और उनके डॉक्टरों ने उन्हें रावलपिंडी तक मार्च करने की इजाजत भी दे दी है। पार्टी के बाकी नेताओं की मानें तो उन्हें नहीं पता कि इसके बाद क्या होगा, लेकिन ये माना जा रहा है कि पूर्व पीएम लंबे समय तक अपने समर्थकों के साथ रावलपिंडी में रह सकते हैं। पार्टी ने एक बार फिर सरकार से मांग की है कि देश में जल्द नए सिरे से चुनाव कराए जाएं।

इसी साल अप्रैल में सत्ता गंवाने वाले इमरान खान की मानें तो आज देश में चुनाव हुए तो मौजूदा सरकार को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनकी एक ही मांग है और वह देश में नए चुनाव की तारीखों के बारे में जानना चाहते हैं। उसके बाद ही कोई बातचीत हो सकती है।

पर्दे के पीछे बड़ा खेल!

उधर, पीएमएल-एन ने कहा है कि अगर उनकी सरकार को इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़े, तो समयपूर्व चुनाव के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पार्टी का कहना है कि इमरान की मांग के आगे झुकना मूर्खता है। पार्टी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर अखबार ट्रिब्यून को बताया है कि अगर पूर्व पीएम कड़वाहट कम करने की कोशिश करते हैं तो सरकार उनसे बातचीत कर सकती है। पीएम शाहबाज उनके साथ डील कर सकते हैं और उन्हें संसद में वापस ला सकते हैं।


 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक जो होगा वो पर्दे के पीछे होगा। हालांकि सूत्र यह भी कहने से नहीं चूके कि इमरान खान को सरकार गिराने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। पार्टी नेता के मुताबिक इमरान को सरकार से कोई मदद नहीं मिलने वाली है। ऐसे में पीटीआई को खुद फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन भी खुद को एक मृत अंत में पा रही है, जिसमें से एकमात्र रास्ता इमरान खान ने अवरुद्ध कर दिया है। 

क्या है इमरान खान का मकसद?

वहीं गृह मंत्रालय में सलाहकार उमर सरफराज चीमा ने कहा है कि इमरान ने पार्टी नेताओं से कोई योजना साझा नहीं की है। सरकार विरोधी गतिविधियों का एक ही मकसद था कि पीएम शहबाज शरीफ दबाव में आकर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दें। चीमा यह बताना नहीं भूले कि पीटीआई ने पहले ही सरकार और सेना पर अपना सुर नरम कर लिया है और गठबंधन सरकार पर भी अपना रुख नरम कर लिया है।

Latest World News

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
VIVA99 adalah salah satu deretan daftar situs judi online terpercaya dan paling gacor yang ada di indonesia . VIVA99 situs agen judi online mempunyai banyak game judi slot online dengan jacpot besar, judi bola prediksi parlay, slot88, live casino jackpot terbesar winrate 89% . Mau raih untung dari game judi slot gacor 2022 terbaru? Buruan Daftar di Situs Judi Slot Online Terbaik dan Terpercaya no 1 Indonesia . VIVA99 adalah situs judi slot online dan agen judi online terbaik untuk daftar permainan populer togel online, slot88, slot gacor, judi bola, joker123 jackpot setiap hari