भगौड़े जाकिर नाइक को कतर बुलाने का मकसद FIFA नहीं, बल्कि “मिशन दावाह”, आखिर क्या होता है ये?-qatar invited fugitive zakir naik for mission dawah not fifa football world cup know about is


भगौड़ा जाकिर नाइक फीफा में देगा भाषण
अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों का पालन पोषण करने वाला कतर इस साल फुटबॉल वर्ल्ड कप का आयोजन कर रहा है। जिसमें भारत में भगौड़ा साबित हुए और जहरीले भाषण देने के आरोपी जाकिर नाइक को भी आमंत्रित किया गया है। नाइक कतर पहुंचने के बाद से ही इस्लाम के प्रचार प्रसार में लगा हुआ है। कतर ऐसा पहला मुस्लिम देश है, जो फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन कप रहा है। इस इवेंट के लिए कतर पानी की तरह पैसा बहा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि कतर फीफा वर्ल्ड कप का इस्तेमाल “मिशन दावाह” के लिए कर रहा है। ताकि गैर-मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराया जा सके। जाकिर नाइक वही शख्स है, जो पूरी दुनिया में “मिशन दावाह” को फैला रहा है। ऐसी स्थिति में विश्लेषक कतर और जाकिर नाइक को एक दूसरे के करीब आता देश हैरत में नहीं हैं। तो चलिए अब जान लेते हैं कि मिशन दावाह क्या है और कतर इसे जाकिर नाइक के साथ मिलकर कैसे फैला रहा है।
मध्य पूर्व के मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के वाशिंगटन स्थित एक प्रतिष्ठित संगठन के अनुसार, कतर ने जाकिर नाइक को दावाह से संबंधित इस्लामिक धार्मिक लेक्चर के लिए आमंत्रित किया है। दावाह एक इस्लामिक प्रथा है, जिसके तहत गैर-मुस्लिमों को परिवर्तित किया जाता है और इस्लाम अपनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। संगठन ने कहा कि फीफा वर्ल्ड कप के दौरान मिशन दावाह कतर का अघोषित लक्ष्य प्रतीत होता है। दरअसल, लाखों फैंस फुटबॉल देखने पहुंच रहे हैं और कतर इसे धर्मांतरण के अवसर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। जाकिर नाइक भारत में गैर-मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में वांछित है। जाकिर नाइक फिलहाल मलेशिया में शरण लेकर रह रहा है। हालांकि उसके कनाडा और ब्रिटेन में प्रवेश पर पहले से ही प्रतिबंध है।
इस्लामिक उग्रवाद का कर रहा प्रचार
इससे पहले साल 2019 में भी कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने दोहा में जहरीले जाकिर नाइक का व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया था। कतर के सरकारी खेल समाचार चैनल के एंकर फैसल अल्हाजरी ने ट्वीट किया कि उपदेशक शेख जाकिर नाइक विश्व कप के बीच कतर पहुंचा है और पूरे टूर्नामेंट के दौरान कई धार्मिक व्याख्यान देगा। जाकिर नाइक के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक अन्य वीडियो में नाइक कतर के शेखों के साथ डिनर करते नजर आ रहा है। जाकिर नाइक के कतर पहुंचने को कोई हैरानी के तौर पर नहीं देख रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि कतर के शाही परिवार और अल थानी को पिछले कई दशकों से कट्टरपंथी मुसलमानों, जिहादी कमांडरों और तालिबान आतंकवादियों को संरक्षण देने के लिए जाना जाता है।
कतर ने फीफा में मिशन दावाह की योजना बनाई
कतर ने ही अमेरिका पर 9/11 के आतंकी हमले की साजिश रचने वाले खालिद शेख मोहम्मद को शरण दी थी। जाकिर नाइक का नाम कतर में पिछले कई सालों से गैर-मुसलमानों को इस्लाम कबूल कराने में बड़ी भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। इंटरनेट पर उपलब्ध 2016 के एक वीडियो में, जाकिर नाइक कतर की राजधानी दोहा में 4 गैर-मुस्लिमों को इस्लाम में परिवर्तित होने में मदद करता है। जाकिर नाइक इसमें कलमा पढ़वाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर फीफा विश्व कप में मिशन दावाह के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की योजना बना रहा है। कतरी अधिकारियों और सरकार द्वारा वित्तपोषित संगठनों ने दुनिया भर के फुटबॉल फैंस को इस्लाम का संदेश फैलाने के लिए कम से कम 2,000 स्वयंसेवकों की भर्ती की है। इसके अलावा हजारों किताबें, पोस्टर और पर्चे बांटे जाएंगे।
नॉर्वे में मिशन के तहत मुसलमान बनाए जा रहे लोग
कतर के पत्रकार इब्तेसाम अल साद ने ट्वीट किया कि जाकिर नाइक और मिस्र के मौलवी शेख उमर अब्देलकाफी को कतर आना चाहिए और बेहतरीन धार्मिक मिशन को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कतर ने धार्मिक स्तर पर विश्व कप की सफलता के लिए अपने लिए लक्ष्य रखा है। दोनों धर्म परिवर्तन के लिए जाने जाते हैं। जाकिर नाइक इन दिनों पूरी दुनिया में इस्लाम को फैलाने में लगा हुआ है। साल 2021 में जब दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में थी, तब कुछ इस्लामिक देशों के नेताओं ने जाकिर नाइक की मदद से यूरोपीय देश नॉर्वे में एक विशाल मस्जिद का निर्माण किया और वहां एक दावाह केंद्र की स्थापना की। इसका मकसद नॉर्वे के लोगों का धर्मांतरण कर उन्हें इस्लाम में शामिल करना है। उस समय जारी एक पोस्टर से पता चला कि दावाह आंदोलन के प्रभाव में 2,000 नॉर्वेजियन पहले ही मुसलमान बन चुके थे।
जाकिर नाइक ने जॉर्ज बुश को आतंकवादी कहा था
दावाह उस वक्त मुसीबत में माना जाता है, जब गैर-मुस्लिम धर्म परिवर्तन से इनकार करते हैं। इसके बाद जिहादी समूह घोषणा करते हैं कि गैर-मुसलमानों को दोयम दर्जे के नागरिकों का जीवन जीना चाहिए। वे सरकार में शामिल भी नहीं हो सकते। तालिबान शासन इसका क्रूर उदाहरण है। इससे पहले खबर आई थी कि कतर में विश्व कप से ठीक पहले 558 लोगों ने इस्लाम कबूल किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह साफ है कि कतर की सरकार फीफा वर्ल्ड कप का इस्तेमाल दावाह आंदोलन को बढ़ाने के लिए कर रही है। धर्म परिवर्तन के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं लेकिन उनकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है। जाकिर नाइक जॉर्ज बुश को आतंकवादी कह चुका है और वह अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को आतंकवादी नहीं मानता।