मोरबी पुल हादसे पर बोले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पीएम मोदी से कही ये बात-russian president vladimir putin expressed condolences over gujarat morbi bridge collapse


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
Putin on Morbi Bridge Collapse: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे पर बयान जारी किया है। यहां मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूट गया था। जिसमें अभी तक 134 लोगों की मौत हो गई है। जबकि बड़ी संख्या में लोगों को रेस्क्यू किया गया है। अब भी कई लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। पुतिन ने पुल हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। राजधानी गांधीनगर से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित मोरबी में मच्छु नदी पर बना यह पुल एक सदी से भी अधिक समय पुराना है।
मरम्मत और नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आम जन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सोमवार को क्रेमलिन वेबसाइट पर प्रकाशित एक संदेश में, पुतिन ने कहा, ‘माननीय राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, कृपया गुजरात राज्य में दुखद पुल हादसे के प्रति मेरी संवेदना स्वीकार करें।’
घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की
रूस की एक समाचार एजेंसी ‘टीएएसएस’ के मुताबिक, पुतिन ने हादसे में जान गंवाने वाले पीड़ितों के प्रियजनों और दोस्तों के प्रति सहानुभूति और समर्थन व्यक्त किया और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
सऊदी अरब ने भी जताई संवेदना
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने भी इस हादसे पर बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है, ‘भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात में एक सस्पेंशन पुल के गिरने के कारण कई लोगों की मौत हुई है। इस हादसे को लेकर विदेश मंत्रालय मित्र देश भारत के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है।’
मुआवजे का ऐलान किया गया
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को पचास-पचास हजार रुपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं तीनों सेनाएं
राज्य के सूचना विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के पांच दल, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के छह दल, वायु सेना का एक दल, सेना की दो टुकड़ियां और भारतीय नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल तलाश अभियान में शामिल हैं। तलाश अभियान रात भर चला, जो अब भी जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेजों के समय का यह ‘हैंगिंग ब्रिज’ जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे और पुल टूटने के कारण वे नदी में गिर गए। जब पुल टूटा तो उस समय स्थानीय लोगों के अलावा नजदीकी शहरों और गांवों के लोग भी पुल पर मौजूद थे। पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर काफी भीड़ थी।