पीएम मोदी का करगिल से रहा है गहरा नाता, 20 पॉइंट में जानिए आखिर क्यों है इतना लगाव
हाइलाइट्स
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम ने याद की पुरानी बातें
पीएम नरेंद्र मोदी का करगिल से पुराना गहरा रिश्ता
सैनिकों के लिए कई बार व्यक्त कर चुके भावनाएं
शिमला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिवाली करगिल में जवानों के साथ मनाई. पीएम मोदी का करगिल के साथ रिश्ता कोई नया नहीं है. बल्कि, उस समय का है, जब वह प्रधानमंत्री नहीं थे. पीएम के करगिल में होने के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उनकी कुछ पुरानी बातों को याद किया. धूमल ने कहा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में करगिल के लिए एक विशेष स्थान है. जब 1999 में करगिल युद्ध हुआ था, तब पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पार्टी का काम संभाल रहे थे.’
‘युद्ध की खबर सुनते ही पीएम मोदी तुरंत राहत कार्यों के लिए करगिल चले गए और जवानों के साथ एकजुटता दिखाई. पीएम ने बाद में इस संस्मरण को याद किया और कहा कि वहां उन्हें तीर्थ यात्रा जैसा लगा.’ धूमल ने कहा- ‘उस वक्त पीएम मोदी ने कहा था, धूमल हमें श्रीनगर जाना चाहिए. इसके बाद उन्होंने एमआई-17 हेलीकॉप्टर लिया उसमें खाना, कपड़े और जरूरी चीजों को लेकर श्रीनगर चले गए.’ उनकी इस बात को याद करते हुए धूमल ने कहा- ‘जब हम श्रीनगर पहुंचे उस वक्त भी वहां भारी गोली-बारी हो रही थी. पीएम मोदी और मैंने फैसला किया कि ये जरूरी सामान पाकिस्तानियों के साथ युद्ध कर रहे सैनिकों दे देते हैं.’
एक पल ऐसा भी आया
धूमल ने कहा- ‘इस बीच पीएम मोदी ने कहा कि वह श्रीनगर में इलाज करा रहे घायल सैनिकों से मिलना चाहते हैं. हम घायल सैनिकों से मिले और फिर राहत सामग्री सैनिकों को देने चले गए. हमने चीजें उनके बिस्तर के करीब रख दीं. लेकिन, इस बीच एक जवान ने इन चीजों को लेने के लिए हाथ बिस्तर से बाहर नहीं निकाला. हमें लगा कि वह खुश नहीं है, तो हमने जरूरी चीजें उसके बिस्तर पर ही रख दीं. हम अस्पताल से बाहर जा ही रहे थे कि डॉक्टर भागते हुए आए और हमसे कहा कि इस जवान ने कल विस्फोट में अपना एक हाथ और एक टांग गंवा दी है.’
जवान की बात सुन भावुक हुए पीएम
धूमल ने बताया- ‘हम वहां से वापस आए. तब पीएम मोदी ने बड़े प्यार से सैनिक का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा- ‘आपको बहुत दर्द हो रहा होगा.’ तब जवान ने कहा- ‘कल की शाम से मैं ठीक हूं.’पीएम मोदी ने जवान से कहा-‘वो इसलिए क्योंकि आपने दर्द भगाने वाली दवाइयां ली हैं.’ तब जवान ने कहा- सर, हम पाकिस्तान से टाइगर हिल जीत गए. उसके बाद से मैं ठीक हूं और अब मुझे दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा. जवान की वह बात सुनकर पीएम मोदी और मैं भावुक हो गए.’
20 पॉइंट में जानिए पीएम के लिए क्या है करगिल
- पीएम मोदी का करगिल के साथ गहरा भावनात्मक रिश्ता
- विजय दिवस के अवसर पर कई बार व्यक्त कर चुके भावनाएं
- 26 जुलाई 2013 को करगिल विजय दिवस के 14 साल पूरे हुए
- गुजरात के तत्कालीन सीएम मोदी ने करगिल के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी
- शहादत की गोल्डन जुबिली पर पीएम ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना सैनिकों को समर्पित किया
- साल 2019 में एक कार्यक्रम में पीएम मोदी का करगिल के प्रति लगाव दिखाई दिया
- उन्होंने कहा- वह 20 साल पहले करगिल गए थे, तब पूरा देश सैनिकों के साथ खड़ा था
- जवानों के लिए युवा रक्तदान कर रहे थे, तो बच्चे पॉकेट मनी दे रहे थे
- 1947 में पूरे देश ने स्वतंत्रता हासिल की, 1950 में पूरे देश के लिए संविधान लिखा गया
- 500 जवानों ने करगिल के हिम पहाड़ों पर देश के लिए खुद को कुर्बान कर दिया
- 26 जुलाई 1999 को सेना ने करगिल युद्ध में विजय पताका फहराई
- यह पूरे देश के नागरिकों के लिए गौरव का पल था
- साल 2020 में मन की बात में भी पीएम ने किया था करगिल का जिक्र
- उन्होंने कहा था- मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैंने करगिल और जवानों की वीरता देखी
- पीएम ने कहा था- वह दिन मेरी मन की गहराई में रच-बस गया है
- पीएम मोदी का सैनिकों के प्रति लगाव और सम्मान किसी से छिपा नहीं है
- वह हर साल दिवाली जवानों के साथ मनाते हैं
- इसकी वजह उनका जवानों के प्रति प्रेम का संबंध है
- पीएम मोदी के लिए करगिल महज एक जगह नहीं
- करगिल पीएम के लिए जवानों के अदम्य शौर्य, त्याग और वीरता का प्रतीक है
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Tags: Diwali Celebration, Kargil war, Narendra modi
FIRST PUBLISHED : October 24, 2022, 19:18 IST