Controversy continues in Punjab Captain amrinder singh lunch party on 21 july Sidhu not invited

सिद्धू को ज़िम्मेदारी मिलने के बाद लंच डिप्लोमेसी को आलाकमान के खिलाफ लामबंदी के तौर पर भी देखा जा रहा है. इस लंच में दिल्ली से भी कुछ कांग्रेसी नेता शामिल होंगे. सूत्र बताते हैं कि नियुक्ति से पहले रविवार को पंजाब के 11 में से 10 सांसदों ने पत्र लिखकर सोनिया गांधी से नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने पर ज़ोर दिया था. सोनिया गांधी ने सभी सांसदों से एक एक कर फ़ोन पर बात भी की लेकिन इसके बावजूद आलाकमान ने सिद्धू को ही इस पद के लिए उचित समझा. याद दिला दें कि कुछ दिन पहले सिद्धू ने प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और तभी माना जा रहा था कि सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
चुनाव से पहले विवाद थमने के आसार नहीं
सूत्र बताते हैं कि सिद्धू की ताजपोशी के बाद पंजाब कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गयी है. यह टकराव की स्थिति आगे भी जारी रह सकती है. सूत्र बताते हैं कि कैप्टन की नाराज़गी के चलते कांग्रेस को पंजाब में नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साधी सिद्धू पर चुप्पी
सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नाराज अमरिंदर सिंह ने चुप्पी साध ली है. एक तरफ सिद्धू के घर मिठाई और आतिशबाज़ी का मंजर है तो दूसरी तरफ कैप्टन और उनके समर्थकों में खामोशी. कैप्टन के विरोधी लेकिन सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करने वाले प्रताप सिंह बाजवा भी चुप्पी साधे हुए हैं. बाजवा के घर हुई बैठक में मौजूद सांसद गुरजीत सिंह औजला ने न सिर्फ सिद्धू को बधाई दी बल्कि सबको साथ लेकर चलने की ताकीद भी की.
हालांकि अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने लंच पार्टी की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के कांग्रेसी विधायकों और सांसदों को 21 जुलाई को लंच पर बुलाया है, यह गलत है. उन्होंने इस तरह के किसी लंच के लिए न तो प्लान बनाया है और न ही इनवाइट भेजा है.
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