Exclusive: कफ सिरप को लेकर WHO के अलर्ट के बाद अब इन 2 केमिकल के लिए फार्मा कंपनी को चेतावनी

हिमानी चंदाना
नई दिल्ली. भारत में बनी कफ सिरप से अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत को लेकर चिंता अभी दूर भी नहीं हुई थी कि अब दवाओं में दो अन्य केमिकल के इस्तेमाल को लेकर फिक्र जताई जाने लगी है. News18 को मिली जानकारी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा चार कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किए जाने के बाद कर्नाटक के दवा नियामक ने फार्मा कंपनियों को ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल का विश्लेषण कर सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कफ सिरप के विश्लेषण में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की ‘अस्वीकार्य’ मात्रा की पुष्टि हुई है, जो जहरीली हो सकती है और किडनी को भारी नुकसान पहुंचा सकती है.
कर्नाटक के ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट द्वारा जारी सर्कुलर News18 के हाथ लगा है. इस सर्कुलर में लिखा है, ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, हरियाणा द्वारा निर्मित खांसी की दवा के कारण बच्ची की मौत से जुड़ी खबरों में इस दवा में ‘एथिलीन ग्लाइकॉल और डायथाइलीन ग्लाइकॉल पाए जाने की बात कही गई है’. इसलिए, राज्य सरकार ने सभी फॉर्मा कंपनियों को ‘ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल जैसे सॉल्वैंट्स की खरीद में निर्धारित मानकों का अनुपालन करने’ के लिए निर्देशित किया है.’
इस सर्कुलर में एथिलीन ग्लाइकॉल की खरीददारी में बस ‘फार्माकोपियल मानकों’ (आवश्यक दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने का मानक) का पालन करने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि यह केमिकल हाइड्रोलिक ब्रेक तरल पदार्थ, स्टैम्प पैड स्याही, बॉलपॉइंट पेन, सॉल्वैंट्स, पेंट, प्लास्टिक, फिल्म और सौंदर्य प्रसाधनों जैसे कई कई उपभोक्ता उत्पाद बनाने में इस्तेमाल होने वाला अहम कंपाउंड है. इसका स्वाद मीठा होता है, लेकिन अगर इसे निगल लिया जाए तो यह शरीर में जहरीले यौगिकों में टूट जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2022, 18:53 IST