जानलेवा कफ सिरप का इस्तेमाल J&K में नहीं! WHO के अलर्ट के बाद हुई जांच

नई दिल्ली. गांबिया में कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत का कारण डायथाइलीन ग्लाईकॉल की अधिक मात्रा का होना था. विश्व स्वास्थ संगठन ने इस पर एक अलर्ट जारी किया, जिसके बाद केन्द्र सरकार ने भी कंपनी के कई कार्यालयों पर छापेमारी की, और इस बात की जांच की गई कि ये सिरप कहीं भारतीय राज्यों में तो नहीं भेजे गए थे. शुरुआती जांच में यह पाया गया कि ये सिरप सिर्फ विदेशों में सप्लाई किए गए थे. केंद्र सरकार की सक्रियता के बाद जम्मू और कश्मीर में भी अलर्ट जारी किया गया, क्योंकि जिला उधमपुर के रामनगर इलाके में 2019 में इसी तरह का एक सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत हुई थी और 6 बच्चे अपंग हो गए थे.
डिप्टी डायरेक्टर ड्रग कंट्रोल जम्मू के मोहम्मद इकबाल पाला ने न्यूज18 को बताया कि हमें चेक करने का अलर्ट मिला था कि कहीं सिरप की सप्लाई जम्मू कश्मीर में तो नहीं हुई थी. हमने अपने स्तर से जांच की और निर्माता कंपनी को मेल किया. पूरी पड़ताल के बाद पता चला कि सिरप सिर्फ एक्सपोर्ट के लिए बनाई गई थी. उन्होंने कहा, ‘कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दवा की सप्लाई किसी भारतीय राज्य में नहीं की गई थी. लेकिन हमने अपने स्तर पर जम्मू कशमीर में इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि इस कंपनी का कोई भी स्टॉक जम्मू कश्मीर में नहीं है, हम पहले भी अलग अलग कंपनियों के सिरप की जांच करते हैं, 100-150 दवाइयों की जांच हर महीने करते रहते हैं.’
पाला ने कहा, ‘हमने फिर भी अलग अलग फार्मा हाउस की तीन चार दवाइयों के सैंपल उठाए जिनका इस कंपनी से कोई लेना देना नहीं है, पूरी जांच की गई और हमने पाया कि इस कंपनी की कोई भी दवा जम्मू और कश्मीर नहीं भेजी गई है, और न ही अलग अलग फार्मा हाउस की दवाइयों जिनमें कफ सिरप मुख्य है, उसमें भी कोई ऐसी चीज नहीं मिली है.’
इकबाल पाला ने बताया कि रामनगर में जो मौत हुई थी, वह मामला कोर्ट में है, इस पर कुछ नहीं बता सकते, लेकिन हमारी ही टीम ने रामनगर से सैंपल उठाए थे और आज वो कंपनी ब्लैकलिस्ट है, उनका चालान पेश किया गया था, मामला अब कोर्ट में है.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में 2019 में जिला उधमपुर के रामनगर इलाके में एक ऐसा ही कफ सिरप एक दवाई विक्रेता से लोगों ने खरीदा था और उसे पीने से 11 बच्चों की मौत हुई थी, मामले को जम्मू कश्मीर सरकार ने गंभीरता से लिया था और मृतकों के परिजनों को 3-3 लाख का मुआवजा भी दिया गया था, बाकायदा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और अब ये मामला कोर्ट में है.
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Tags: Jammu and kashmir
FIRST PUBLISHED : October 08, 2022, 14:47 IST